विद्युत सबस्टेशन क्या होता है?|Substation in Hindi

तो दोस्तों आज के Substation in hindi इस आर्टिकल में हम सबस्टेशन याने की विद्युत् उपकेन्द्र क्या होता है इसके बारेमे पूरी जानकारी लेने वाले है | इस लेख में हम types of subsation याने की सबस्टेशन के प्रकार विस्तार में जानने वाले है | साथी साथ सबस्टेशन में कोनसे उपकरण होते है यह भी जानेंगे | आजअगर देखे तो इलेक्ट्रिसिटी को a.c याने के ulternating current में generate और transmitted किया जाता है | जनरेशन स्टेशन बोहोत दूर होते है उसकी वजह से electricity को step up किया जता है उसके बाद ही उसे आगे भेजा जाता है, सी काम के लिए सबस्टेशन की जरुरत होती है |

विद्युत सबस्टेशन क्या होता है?|Substation in Hindi
विद्युत सबस्टेशन क्या होता है?|Substation in Hindi

Table of Contents

Substation in Hindi | सबस्टेशन क्या होता है ?

परिभाषा:- यह एक यंत्रो का समूह होता है जिनका इस्तेमाल करके कुछ इलेक्ट्रिकल मात्रा को बदला जाता है जिसे की वोल्टेज, ac से dc, फ्रीक्वेंसी, उसी को सबस्टेशन या विद्युत् उपकेन्द्र कहा जाता है |

Definition:- The assembly of apparatus used to change some characteristics like voltage, ac to dc, frequency, power factor of electrical supply is called substation.

पावर सिस्टम में सबस्टेशन एक बोहोत ही महत्वपूर्ण हिस्सा होता है |इलेक्ट्रिकल सप्लाई सही मात्रा में लगातार आता रहे इसके लिए substation का अच्छे से काम करते रहना बोहोत जरूरी होता है |

इसलिए जब substaion को डिजाईन किया जाता है तब बोहोत सारी बातो को ध्यान मे रखा जाता है | इलेक्ट्रिसिटी को उत्पन्न करने के बाद उसको एक जगह से दुसरे जगह पर भेजना पड़ता है क्यू की जनरेटिंग स्टेशन किसी बस्ती से बोहोत ज्यादा दूर हो सकता है इसलिए कुछ मात्राओ को बढाकर उसे आगे भेजा जाता है ताकि लोसेस कम हो सके |

अगर हम एक उदहारण ले तो जनरेशनमें 11kV से 6.6kV वोल्टेज को उत्पन्न किया जाता है उसके बाद उसे step up किया जाता है 220kV या 132kV तक और उसके बदुसे आगे भेजा जाता है वोल्टेज को स्टेप उप करने के लिए ट्रांसफार्मर का इस्तेमाल किया जाता है, इसी ट्रांसफार्मर और दुसरे उपकरणों के लिए जगह होती है उसी को सबस्टेशन या उपकेन्द्र कहा जाता है |

Interconected power system के लिए सबस्टेशन का इस्तेमाल किया जाता है|

सबस्टेशन में ना सिर्फ वोल्टेज को कम ज्यादा किया जाता है बल्कि ac को dc में जिसका इस्तेमाल traction याने की रेल में किया जाता है | sub station को जरुरत के हिसाब से डिजाईन किया जाता है |

Imporatant points while laying out subataion (सबस्टेशन को बनाते समय चीजो का ध्यान में रखे):-

  1. सबस्टेशन एक अच्छी जगह पर बना हो मतलब जहा पर ज्यादा लोड हो उसी इलाके के आस पास हो |
  2. इसकी बनावट सुरक्षित और अच्छे तरह से बनी हो मतलब इसे बनाने के लिए लगाने वाले सभी regulation clearances मिले हो |
  3. इसके मज़बूती के लिए इसका डिजाईन और इसकी बनावट बोहोत अच्छी होनि चाहिए और इसमे सभी सुरक्षात्मक उपकरण हो |
  4. इसको बोहोत्र ही आसानी से चलाया जा सके और साथी साथ आसानी से देखभाल भी की जा सके |
  5. और इसका capital cost याने की पूंजीगत लागत कम से कम हो |
विद्युत सबस्टेशन क्या होता है?|Substation in Hindi
विद्युत सबस्टेशन क्या होता है?|Substation in Hindi

Types of substation (विद्युत सबस्टेशन के प्रकार कितने होते है?):-

1)According to service requirement (सर्विस के हिसाब से):-

  • Transformer substation (ट्रांसफार्मर सबस्टेशन)
  • power factor correction (पावरफैक्टर करेक्शन )
  • Switching (स्वीचिंग सबस्टेशन)
  • Frequency change (फ्रीक्वेंसी चेंज सबस्टेशन)
  • Converting (कंवर्टिंग सबस्टेशन)
  • Industrial (इंडस्ट्रियल सबस्टेशन)

2) According to constructional feature(बनावट के हिसाब से):-

  • Indoor substation (संरचना के अन्दर)
  • Outdoor (संरचना के बाहर)
  • Underground (भूमिगत)
  • Pole mounted (पोल माउंटेड)

1)According to service requirement (सर्विस के हिसाब से):-

A) Transformer substation (ट्रांसफार्मर सबस्टेशन):-

इस प्रकार के सबस्टेशन में सप्लाई के वोल्टेज को कम ज्यादा किया जाता है उसी को ट्रांसफार्मर सबस्टेशन कहा जाता है | इस प्रकार में वोल्टेज एक मात्रा में एक तरफ से आता है और अलग मात्रा में दूसरी तरफ से जाता है |इसमे अगर देखा जाये तो सबसे महत्वपूर्ण उपकरण ट्रांसफार्मर ही होता है | पावर सिस्टम में ज्यादा तर ट्रांसफार्मर इसी प्रकार के होते है |

ट्रांसफार्मर सबस्टेशन के चार प्रकार है |

  • Step up s.s :- इसका इस्तेमाल जनरेटिंग वोल्टेज को बढाने के लिए किया जाता है (11kV से 220kV) | ताकि पावर को आगे भेजते समय लोस्सेस कम हो |
  • Primary grid s.s :-स्टेप up करने के बाद पावर को आगे भेजा जाता है तो उस पावर को recive करने के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है और वहा पर वोल्टेज को कम (220kV से 66kV) किया जाता है |
  • Secondary s.s :- प्राइमरी ग्रिड के बाद पावर को आगे भेजा जाता है उसके बाद हव secondary subatation में जाती है वहा पर वोल्टेज को कम याने के voltage step down (66kV से 11kV)किया जाता है | यहाँ से पावर को बड़े counsumer को दिया जाता है |
  • Distribution s.s :- सेकेंडरी सबस्टेशन के पावर डिस्ट्रीब्यूशन सबस्टेशन में पहुचती है वहा पर उसे और स्टेप डाउन (11kV से 400V) किया जाता है ताकि साधारण ग्राहकों के पास बिजली पहुच सके |

B) Switching (स्वीचिंग सबस्टेशन):-

इस प्रकार के सबस्टेशन में किसी प्रकार का वोल्टेज में बदलाव नहीं किया जाता है, याने की इसमें आने वाला वोल्टेज और इससे बाहर जाने वाला वोल्टेज एक समान होता है | इस switching सबस्टेशन का एक काम होता है जो की पावर लाइन्स के बिच में switching करना |

C) Power factor correction (पावरफैक्टर करेक्शन):-

यह वो सबस्टेशन होते है जिनकी मदद् से सिस्टम का पावर फैक्टर को सुधारा जाता है उन्हें ही power factor correction substaion कहा जाता है| यह सबस्टेशन ज्यादातर लाइन के receiving end याने की जहा पर सप्लाई को पहुचाया जाता है उस जगह पर बनाये जाते है | इसमे पावर फैक्टर को बेहतर बहने के लिए सिंक्रोनस कंडेंसर का इस्तेमाल किया जाता है |

D) Frequency change subtation (फ्रीक्वेंसी बदलनेवाला सबस्टेशन):-

इस सबस्टेशन में सप्लाई कि फ्रीक्वेंसी को बदला जाता है इसी को फ्रीक्वेंसी चेंज सबस्टेशन कहा जाता है | फ्रीक्वेंसी बदलने की जरुरत ज्यादातर इंडस्ट्रीज में होती है इसलिए इस सबस्टेशन का इस्तेमाल ज्यादातर इंडस्ट्रीज में किया जाता है |

E) Converting (कंवर्टिंग सबस्टेशन):-

इनका इस्तेमाल a.c पावर को d.c पावर में बदलने के लिए किया जाता है | इनका ज्यादा टार इस्तेमाल traction याने रेल, electroplating और electrical welding में किया जाता है |

F) Industrial (इंडस्ट्रियल):-

इंडस्ट्रियल सबस्टेशन का इस्तेमाल इंडस्ट्रीज में में किया जाता है |

2) Accourding to constructional feature (बनावट के हिसाब से):-

A) Indoor (भीतरी विद्युत् उपकेन्द्र):-

इन सबस्टेशन का इस्तेमाल 11 kV तक के सप्लाई के लिए किया जाता है |आर्थिक मूल्य का विचार करके इनका निर्माण किसी संरचना के अन्दर किया जाता है | अगर बाहरी वातावरण ख़राब हो तब वोल्टेज को बढाकर 66 kV तक किया जा सकता है |

B) Outdoor (बाहरी विद्युत् उपकेन्द्र):-

66 kV वोल्टेज के ऊपर के वोल्टेज के लिए इन उपकेन्द्र का इस्तेमाल किया जाता है | कुछ चीजो को ध्यान में रखे जैसे की वोल्टेज, कंडक्टर, switches के लिए जगह सर्किट ब्रेकर और दुसरे उपकरणों के लिए जगह की जरुरत होती है इसलिए इनको किसी संरचना के अन्दर नहीं बनाया जा सकता है |

C) Underground (भूमिगत विद्युत् उपकेन्द्र):-

अगर किसी जगह पर आबादी बोहोत ज्यादा हो तब जगह की बोहोत कमी होती है और जगह का मूल्य भी बोहोत ज्यादा होता है इसी के कारन सबस्टेशन का निर्माण underground में किया जाता है |

D) Pole-mounted substation (पोल के ऊपर बने विद्युत् उपकेन्द्र):-

यह एक outdoor substaion होता है और इसको पोल के ऊपर बनाया जाता है | इसके लिए H-pole या फिर 4 pole का इस्तेमाल किया जाता है | 11kV या कुछ मामलों में 33kV के लिए बोहोत ही सस्ता विकल्प होता है | आसपास के इलाकों में बिजली को पहुचाने के लिए इसका एस्तेमला किया जाता है |

Outdoor and indoor substation comparison (बाहरी और अंतर्गत विद्युत् उपकेन्द्र तुलना):-

s.noपर्टिकुलरबाहरी विद्युत् उपकेन्द्र अंतर्गत विद्युत् उपकेन्द्र
1जगह की जरुरतज्यादा जगह की जरुरतकम जगह की जरुरत
2निर्माण में लगाने वाला समयकमज्यादा
3भविष्य में विस्तारआसानमुश्किल
4फाल्ट स्थान का पता लगानाआसानकठिन
5पूंजी लागतकमज्यादा
6कार्यवाहीकठिनआसान
7फाल्ट का बढ़नाकम जगह पढ़ता है |ज्यादा जगह पर बढ़ता है |

Equipments used in substation (सबस्टेशन उपकरण):-

1) Bus-bar(बसबार):-

जब बोहोत सारी एकसमान वोल्टेज की लाइन ऑपरेट कर रही हो तब सभी लाइन को सीधे तौर पर जोड़ना जरुरी होता है इस काम को करने के लिए बस बार की मदद ली जाती है | इसकी मदद से एक कॉमन इलेक्ट्रिकल पॉइंट मिलजाता है |

Bus-bar है copper या फिर aluminium से बनी होते और इनमे एकसमान वोल्टेज होता है | आमतौर पर इस्तेमाल होने वाले बस बार को हम निचे देख सकते है |

  • Single bus-bar arrangement
  • Single bus bar system with sectionalisation
  • Double bus bar arrangement

2) Isulators (इंसुलेटर):-

इंसुलेटर का इस्तेमाल दो कामो के लिए किया जाता है, उनकी वजह से कंडक्टर और बसबार को सपोर्ट मिलता है और दूसरा ये की जितना चाहिए उतनाही करंट कंडक्टर में जाने देते है |इंसुलेटर को बनाने के लिए ज्यादातर porcelain का इस्तेमाल किया जाता है|

इसके भी बोहोत सारे प्रकार है जैसे की pin, suspension, post type insulator |इंसुलेटर के ऊपर एक आर्टिकल भी है जिसे आप अधिक जानकारी के लिए पढ़ सकते है- यहाँ पढ़े

3) Isolating switches ( अयासोलेतिंग स्विच):-

कई बार कुछ कारणों के लिए जैसे की मेंटेनेंस या फिर रिपेयर के लिए सिस्टम के कुछ हिस्से को बंद करने के की जरुरत होती है उस वक्त यह switches काम करते है |

यह no load पर काम करने के हिसाब से डिजाईन किए हुए होते है | पूरा सबस्टेशन कुछ हिस्सों में isolator की मदद से बटा हुआ होता है ताकि रिपेयर के वक्त उस हिस्से को अलग किया जा सके |

4) Circuit breaker (सर्किट ब्रेकर):-

यह एक ऐसा यंत्र है जो साधारण स्थिति में और फाल्ट वाले स्थिति में बंद या चालू हो सकता है |सर्किट ब्रेकर को इस तरह भी डिजाईन किया जाता है को वह साधारण स्थिति में manualy और फाल्ट वाले स्थिति में automatically काम करता है |

Circuit breaker के साथ साथ relay का भी इस्तेमाल किया जाता है ताकि अच्छे तरह से सुरक्षा मिल सके |

66 kV तक के वोल्टेज के लिए Oil circuit breaker का इस्तेमाल किया जाता है | अगर उससे भी ज्यादा का वोल्टेज हो तो उस स्थिति में air circuit breaker, Vacuum circuit breaker, और SF6 circuit breakar का इस्तेमाल किया जाता है | एन्सभी सर्किट ब्रेकर की बारेमे जानने के लिए उस शब्द पर क्लिक करे ताकि आपको पूरी जानकरी मिल सके |

5) Power transformer (पावर ट्रांसफार्मर):-

सबस्टेशन में इसका इस्तेमाल वोल्टेज को स्टेप उप याने बढ़ने के लिए या फिर स्टेप डाउन याने वोल्टेज को कम करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है | यहाँ पर 3 फेज सप्लाई के लिए एक ही ट्रांसफार्मर या फिर तिन अलग अलग ट्रांसफार्मर का इस्तेमाल किया जा सकता है |

इनका इस्तेमाल 10MVA तक किया जाता है और यह naturally cooled और oil से भरे होते है | अगर रेटिंग ज्यादा हो तब air blast cooled सिस्टम का इस्तेमाल किया जाता है |

6) Instrument transformer (इंस्ट्रूमेंट ट्रांसफार्मर):-

पावर सिस्टम में बोहोत ज्यादा वोल्टेज और करंट का इस्तेमाल होता है, साधारण तौर पर जो electricity measuring instrument याने voltmeter, ammeter या multimeter इनसे कम वोल्टेज को ही माप सकते है |

और साधारण यंत्रो का इस्तेमाल करना बोहोत खतरनाक साबित हो सकता है इस वजह से instrument transformer का इस्तेमाल किया जाता है |इसके दो प्रकार है |

  • Current transformer (C.T.)
  • Potential transformer (P.T.)

7) Metering and indicating instruments (मीटरिंग और संकेतक उपकरण):-

Substation में साधारण वोल्टेज को मापने के लिए और सांकेतिक करने के लिए कुछ उपकरणों को जरुरत पड़ती है जैसे की ammeter, voltmeter, energy meter इनके साथ साथ इंस्ट्रूमेंट ट्रांसफार्मर का भी इस्तेमाल किया जाता है |

8) Other equipments (दुसरे यंत्र):-

ऊपर दिए गए उपकरणों को आलावा और भी यंत्रो का इस्तेमाल किया जाता है जो की निचे दिखाए गए है |

  • Fuses
  • Carrier-current equipments
  • Sub-station auxiliary supplies

FAQ related to substation (सबस्टेशन से जुड़े प्रश्न उत्तर):-

  1. सबस्टेशन क्या है ? (What is substation?)

    यह एक यंत्रो का समूह होता है जिनका इस्तेमाल करके कुछ इलेक्ट्रिकल मात्रा को बदला जाता है जिसे की वोल्टेज, ac से dc, फ्रीक्वेंसी, उसी को सबस्टेशन या विद्युत् उपकेन्द्र कहा जाता है |

  2. सबस्टेशन के प्रकार कितने है?( What are the types of substation?)

    Types of substation (विद्युत सबस्टेशन के प्रकार कितने होते है?):-
    1)According to service requirement (सर्विस के हिसाब से):-
    a) Transformer substation (ट्रांसफार्मर सबस्टेशन)
    b) power factor correction (पावरफैक्टर करेक्शन )
    c) Switching (स्वीचिंग सबस्टेशन)
    d)Frequency change (फ्रीक्वेंसी चेंज सबस्टेशन)
    e) Converting (कंवर्टिंग सबस्टेशन)
    f) Industrial (इंडस्ट्रियल सबस्टेशन)
    2) According to constructional feature(बनावट के हिसाब से):-
    a) Indoor substation (संरचना के अन्दर)
    b) Outdoor (संरचना के बाहर)
    c) Underground (भूमिगत)
    d) Pole mounted (पोल माउंटेड)

  3. सबस्टेशन के मुख्य उपकरण कोनसे है? (What are the main parts of substation?)

    बस बार, इसोलेटर, इसोलाटिंग स्विच, सर्किट ब्रेकर, पावर ट्रांसफार्मर, इंस्ट्रूमेंट ट्रांसफार्मर , measuring इंस्ट्रूमेंट्स.

  4. सबस्टेशन का मुख्य काम क्या है? (What is main pourpose of substation?)

    वोल्टेज को स्टेप उप या फिर स्टेप डाउन करना, ac को dc में बदलना, फ्रीक्वेंसी बदलना |

  5. सबस्टेशन में dc सप्लाई का इस्तेमाल क्यू किया जाता है? (Why dc supply is used in substation ?)

    कण्ट्रोल सर्किट के लिए लगातार इलेक्ट्रिकल सप्लाई मिलता रहे इस कारन से सबस्टेशन में dc सप्लाई का इस्तेमाल किया जाता है|

  6. सबस्टेशन के अन्दर क्या होता है? (What is inside a substation?)

    स्वित्चिंग, कंट्रोलिंग, प्रोटेक्शन यंत्र और ट्रांसफार्मर

यह भी पढ़े:-

Power factor in Hindi

CNC machine in Hindi

Refrigeration cycle in Hindi

Fuel cell in Hindi

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