तो दोस्तों आज के Earthing In Hindi इस आर्टिकल में हम अर्थिंग क्या होती है? Earthing meaning in hindi,(Grounding in Hindi) अर्थिंग के प्रकार कितने होते है, उनके फायदे नुकसान के बारेमे जानने वाले है, साथी साथ electric earthing करते समय कोनसे मटेरियल का इस्तेमाल किया जाता है ये भी जानने वाले है|

Earthing In Hindi (अर्थिंग क्या है?)
अर्थिंग का मतलब कोई भी सर्किट में अगर short circuit होता है तो उस से निकलने वाले leakage current को low restistance path देना यानी leakage करेंट को जमीन में जाने देना उसे ही Earthing कहा जाता है, या फिर grounding भी कहा जाता है|
अगर पॉवर सिस्टम या पॉवर प्लांट, Substation की बात की जाये तो वहा पर अर्थिंग का मतलब होता है इलेक्ट्रिकल उपकरण के फ्रेम को जिसमे करंट न बहता हो नोर्मल स्थिति में या फिर किसी इलेक्टिकल पार्ट को एक कंडक्टर जोडके उसे जमींन के अन्दर डाल देना|
पॉवर सिस्टम में अर्थिंग की leakage या surge करंट को जमीन के अन्दर छोड़ा जाता है उसके कारन बोहोत कीमती उपकरण ख़राब होने से बच जाते है और किसी व्यक्ति को करंट नहीं लगता है| और अगर घरो में या फैक्ट्री की बात की जाये तो वहा पर किसी को करंट या शॉक न लगे उसके लिए अर्थिंग या grounding का इस्तेमाल किया जाता है|
Transformer, Motor के बचाव के लिए इस्तेमाल किया जाता है|
Earthing definition in hindi (अर्थिंग की परिभाषा क्या है?)
The process of connecting the metallic frame or body of the electrical equipment to the earth i.e soil is called earthing or Grounding.
किसी भी इलेक्ट्रिकल उपकरण के फ्रेम को या उपकरण के बॉडी पार्ट को जमीन के अन्दर लगाने की प्रकिया को अर्थिंग या ग्राउंडिंग कहा जाता है|
किसी भी पॉवर प्लांट की अगर बात की जाये तो अच्छे तरह से अर्थिंग करना बोहोत जरुरी होता है अगर सही तरह से की जाये तो किसी उपकरण का नुकसान नहीं होता है और किसी व्यक्ति को नुकसान नहीं होता है|
Classification of earthing ( अर्थिंग का वर्गीकरण)
अर्थिंग या ग्राउंडिंग के दो मुख्या प्रकार होते है|
- Equipment Earthing (उपकरण की अर्थिंग)
- System Earthing (सिस्टम की अर्थिंग)
1) Equipment Earthing (उपकरण की अर्थिंग)
इलेक्ट्रिकल उपकरण के किसी हिस्से को जिसमे से करंट नहीं बहता हो याने की फ्रेम को जमीन के अन्दर डाल देना, अगर इंसुलेशन ख़राब हो जाता है तो करंट बॉडी याने फ्रेम में जायेंगा और फिर वहा से जमीन के अन्दर इसी को इक्विपमेंट अर्थिंग कहा जाता है|

हमारे घरो में या कारखानों में हम हर समय किसी न किसी इलेक्ट्रिकल उपकरणों से जुड़े होते है याने उनसे काम करते रहते है अगर उसी समय इंसुलेशन ख़राब होता है और करंट बॉडी में जाता है तो उससे करेंट लाहने का खतरा होता है|
इसी खतरे से बचने के लिए equipment earthing की जाती है| जिसका चित्र हम ऊपर देख सकते है|
2) System Earthing (सिस्टम की अर्थिंग)
इस प्रकार में पॉवर सिस्टम के किसी इलेक्ट्रिकल पार्ट को (स्टार कनेक्शन के न्यूट्रल को, सेकेंडरी transformer के एक कंडक्टर को) जमीन याने मिट्टी में अन्दर डाल दिया जाता है इसी प्रक्रिया को सिस्टम अर्थिंग कहा जाता है |
Neutral Earthing (न्यूट्रल अर्थिंग)
इस प्रक्रिया में 3 फेज सिस्टम के न्यूट्रल पॉइंट को जमीन में जोड़ा जाता है उसी को न्यूट्रल अर्थिंग या न्यूट्रल ग्राउंडिंग कहा जाता है|
Types Of Neutral Grounding
- Solid or Effective Grounding (सॉलिड या इफेक्टिव ग्राउंडिंग)
- Resistance Grounding (रेजिस्टेंस ग्राउंडिंग)
- Reactance Grounding (रेअक्टांस ग्राउंडिंग)
- Peterson-Coil Grounding (पीटर्सन-कोएल ग्राउंडिंग)
Types Of Earthing (अर्थिंग के प्रकार):-
- Pipe earthing (पाइप अर्थिंग)
- Plate earthing (प्लेट अर्थिंग)
- Chemical earthing (केमिकल अर्थिंग)
- Coil earthing (कोइल अर्थिंग)
- Rod earthing (रॉड अर्थिंग)
1) Pipe Earthing (पाइप अर्थिंग):-
इस प्रकार के अर्थिंग में GI पाइप का इस्तेमाल किया जाता है,जिसकी लंबाई 2.5meter से 3 Meter तक होती है, और diameter 20mm होता है।
पहले तो concrete chember बनाया जाता है उसको कास्ट आयरन से ढका जाता है। chember बनाने के बाद उसमे मैं earth electrode डाला जाता है जिसके ऊपर galvanized iron का पाइप रहता है chember के अंदर साल्ट एंड कोयले के 3,3 करके लेयर बनायेगें, निचे दिखाए चित्र में हम पाइपअर्थिंग को देख सकते है|

कोयला और नमक का एक layer 15cm का होता है उसमे salt और charcoal ला अल्टरनेट लेयर होता है । चारकोल का इस्तेमाल moisture बनाए रखने के लिए और salt इस्तेमाल ग्राउंड में जो alkaly होती है उसको suck करता है।
Salt और charkoal का main purpose कंडक्टिविटी बढ़ाना और resistance को decrease करना होता है। इलेक्ट्रोड में होल होते है। और पाइप के ऊपर फनल कनेक्ट होता है। जिसका उपयोग पानी डालने के लिए उपयोग होता है। और जिस पाइप पर funnel connect होता है उसके निचे earth wire /strip कनेक्ट होता है।
Advantages Of Pipe Earthing (पाइप अर्थिंग के फायदे)
- High पावर रेटिंग मशीन को earth करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है, क्यों की इलेक्ट्रोड का surface ज्यादा होता है इस वजस से ज्यादा leakage current pass होता है।
- इस प्रकार की अर्थिंग में साल्ट और चारकोल का इस्तेमाल किया जाता है जिस से कंडक्टिविटी को increase करता है और रेजिस्टेंस को कम करता है इसीलिए यह most commonly used अर्थिंग है ।
- ज्यादा leakage current pass होता है plate earthing के मुकाबले क्यों की pipe surface is more than plate.
- Easy for maintenance( रखरखाव, maintenace करना आसान होता है)
- Protects equipment from high voltage surge ,lightning discharge.
- इलेक्ट्रिकल shock से बचाता है ।
- Equipment की performance को बढ़ता है ।
- हम sefely काम कर सकते है ।
2) Plate Earthing (प्लेट अर्थिंग)
इस प्रकार की अर्थिंग में sqare shape का मेटल प्लेट का इस्तेमाल किया जाता है जिसका diamension 90cmX90cm होता है ।उसके अंदर एक और प्लेट होती है जिसका डायमेंशन 60cmX60cm होता है।
यह प्लेट बनाने के लिए कॉपर और galvnised आयरन उपयोग करते इसलिए GI प्लेट भी कहते है । दोनों plate में 15cm का gap होता है प्लेट के नीचेवाले चेंबर में रखने के बाद उसके चारकोल 20 kg और नमक 15 kg plate की चारो तरफ डाला जाता है। निचे दिखाए चित्र में हम प्लेट अर्थिंग को देख सकते है|

चारकोल और साल्ट से कंडक्टिविटी increase होती है और रेजिस्टेंस डिक्रीज होता है । मेटल प्लेट से एक GI पाइप कनेक्ट करेंगे जिसका diameter 90mm होता है ।अपर चेंबर जिसकी लंबाई 70cm और innerside 30cm*30cm उसमे GI पाइप होता है जिसके ऊपर एक funnel होता है जिसके through water डाला जाता है।ऊपर चेंबर को कास्ट आयरन की कर से ढक दिया जाता है ।
प्लेट में एक और पाइप होता है जिसका diameter 12mm होता है इस पाइप के through अर्थ वायर को ground करते है और वो अर्थ वायर appratus के earthing point को कनेक्ट करते है । अगर सर्किट में fault होता तो current high occured होता है जो की इस वायर के through ground होती है।उसकी वहाज से वह particular aapratus damage होने से बचता है ।
Advantages Of प्लेट Earthing (प्लेट अर्थिंग के फायदे)
- यह अर्थिंग बोहोत ज्यादा करंट को जमीन तक पंहुचा सकती है |
- Earth कंडक्टर और ग्राउंड के बिच में बोहोत ज्यादा कंडकट्टीविटी (conductivity) होती है|
- इस अर्थिंग को इनस्टॉल करना आसान होता है|
- इलेक्ट्रिकल शॉक से बचाव करती है|
- उपकरणों को ख़राब होने से बचाती है|
3) Chemical earthing (केमिकल अर्थिंग)
इस प्रकार की अर्थिंग के लिए जो pipe इस्तेमाल किया जाता है वह कॉपर या फि GI का होता है ।
Pipe के अंदर high conductivity rich material इस्तेमाल किया जाता है। जो की conductivity को बढ़ाता है, Pipe के अंदर एक strip रहती है,जिसके ऊपर हम earth वायर connect करते हैं। इसका चित्र हम निचे देख सकते है|

Chemical earthing में अगर रेती के प्रकार की जमीन हो तो bentonite powder का इस्तेमाल किया जाता है और जमीन कंकड़ वाली जमीन में graphite base component या फिर carbon based compound का इस्तेमाल किया जाता है ।
पहिले तो 6ft deep गड्ढा बनाना पड़ता है जिसका diameter 10 inch बाद में उसमे bentonite powder या फिर graphite base component/कार्बन कंपाउंड और water मिक्स करके डाला जाता है।
अर्थिंग rod को earthing strip connected होती है ।
बाद में उसको chember बनाकर ढक दिया जाता है ।
4) Coil earthing (कोइल अर्थिंग)
Coil अर्थिंग को HT और LT line में इस्तेमाल किया जाता है। वह हर एक पोल ऊपरी भाग में जोड़ा जाता है और उसे ground किया जाता है।
Coil earthing को हम ऐसे जगह पे करते है जहा बार बार पानी न डालना पड़ता हो या फिर हम जहा पोल लगाते है वह पर पहले ही moisture हो ऐसी जगह पे coil अर्थिंग करते है। coil अर्थिंग का चित्र हम निचे देख सकते है|

Coil अर्थिंग में जो coil इस्तेमाल किया जाता है उसक diameter 50MM होता है 115 turns होती है और जो GI wire used करते है उसका diameter 4MMहोता है।
Coil earthing करने के लिए पहिले हमे एक 1500mm*600mm गड्ढा करना पड़ता है । उसके बाद उसके अंदर हम coil रखेंगे और coil को GI तार को जोड़ेंगे ।बाद में उस GI तार को जमीन के 300mm अंदर से लेकर pole पे connect कर देंगे
उसके बाद में charcoal और salt के alternate layer से गड्ढे को भर देंगे।
5) Rod earthing (रॉड अर्थिंग)
इस प्रकार के अर्थिंग सिस्टम में हमे एक copper या फ़िर जस्त के rod रहते है ।
कॉपर के rod को hammer से जमीन के अंदर ठोका जाता है और ऊपरी हिस्से में अर्थिंग तार को जोड़ा जाता है । इस प्रकार की अर्थिंग में charcoal और salt का इस्तेमाल नहीं किया जाता ।
इस प्रकार अर्थिंग की उस जगह पे की जाती है जहां नमी ज्यादा रहती है ।
अर्थिंग resistance को mainten रखने के लिए क्या कर सकते है ।
- अर्थिंग में पानी डालके कर सकते है ।
- पाइप या प्लेट को जिस गड्ढे में डालने वाले उसका जमीन depth को बढ़ाके
- कोयला ,नमक की quantity बड़ा के भी रेजिस्टेंस mainten किया जाता है ।
- अर्थिंग इलेक्ट्रोड का लेंथ बढ़ा के।
- जितनी भी अर्थिंग होती है उसको आपस में कनेक्ट करके।
Earth or ground resistance for a specific place(कोनसे जगह पर कितना रेजिस्टेंस हिना चाहिए )
- Voltage और load के हिसाब earthing resistance से बदलता है।
- Power plant – less then 0.5
- Substation- less then 2 ohm)
- LT pole- less than 5 ohm
- HT tower-less than 10 ohm
- Domestic load – less than 8 ohm
- अगर ऐसे ज्यादा resistance बढ़ता हैं कोई भी सिस्टम मैं तो खतरा भी बढ़ जाता है क्यों की ज्यादा earth resistance होने की वजह से leakage current ग्राउंड नही हो पाएगा।
Advantages Of Earthing (अर्थिंग के फायदे):-
- अर्थिंग की वजह से उपकरणों का बचाव होता है|
- किसी व्यक्ति की जीवित हानी होने से बचाव होता है|
- Lightning की वजह से जो सर्ज करंट उत्पन्न होता है उसे जमीन तक अर्थिंग पहुचाती है|
- ईक्ट्रिकल शॉक से बचाव करती है|
- इलेक्ट्रिकल उपकरणों में या सबस्टेशन में आग लगने के खतरे को कम करती है|
FAQ Related to Earthing (अर्थिंग से जुड़े प्रश्न उत्तर)
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Earth resistance को कम क्यों रखते है?
Normally earth resistance 0.5 se 8 ohm तक अच्छा होता है ।अगर restistance बढ़ता है तो शॉर्ट सर्किट में जो leakage current होगा वो ग्राउंड नही हो पाएगा ।
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अर्थिंग resistance को mainten रखने के लिए क्या कर सकते है ।
अर्थिंग में पानी डालके कर सकते है ।
पाइप या प्लेट को जिस गड्ढे में डालने वाले उसका जमीन depth को बढ़ाके
कोयला ,नमक की quantity बड़ा के भी रेजिस्टेंस mainten किया जाता है ।
अर्थिंग इलेक्ट्रोड का लेंथ बढ़ा के।
जितनी भी अर्थिंग होती है उसको आपस में कनेक्ट करके। -
अर्थिंग एकदम proper है यह कैसे चेक किया जाता है।
• यह हम earthing resitance /ground resistance measure करके भी चेक कर सकते है।
• nutral और earthing के बीच का वोल्टेज measure करके भी चेक कर सकते है । -
Earthing Definition in Hindi (अर्थिंग की परिभाषा क्या है?)
The process of connecting the metallic frame or body of the electrical equipment to the earth i.e soil is called earthing or Grounding.
किसी भी इलेक्ट्रिकल उपकरण के फ्रेम को या उपकरण के बॉडी पार्ट को जमीन के अन्दर लगाने की प्रकिया को अर्थिंग या ग्राउंडिंग कहा जाता है| -
Earth or ground resistance for a specific place
voltage और load के हिसाब earthing resistance से बदलता है।
Power plant – less then 0.5
Substation- less then 2 ohm)
LT pole- less than 5 ohm
HT tower-less than 10 ohm
Domestic load – less than 8 ohm
अगर ऐसे ज्यादा resistance बढ़ता हैं कोई भी सिस्टम मैं तो खतरा भी बढ़ जाता है क्यों की ज्यादा earth resistance होने की वजह से leakage current ग्राउंड नही हो पाएगा। -
Types Of Earthing (अर्थिंग के प्रकार):-
Pipe earthing (पाइप अर्थिंग)
Plate earthing (प्लेट अर्थिंग)
Chemical earthing (केमिकल अर्थिंग)
Coil earthing (कोइल अर्थिंग)
Rod earthing (रॉड अर्थिंग)