सीम वेल्डिंग spot welding का एक विकसित रूप है | Seam welding in hindi इस आर्टिकल में हम सीम वेल्डिंग के बारेमे जानने वाले है जैसे की इसकी परिभाषा, इसका इस्तेमाल कहा पर किया जाता है और इसके फायदे, नुकसान भी जानेंगे | Welding in hindi इस लेख में आपको welding के बारेमे और भी जानकारी मिलेगी |
Table of Contents
Seam welding in hindi (सीम वेल्डिंग क्या है?):-
सीम वेल्डिंग को हम इस तरह से परिभाषित कर सकते है की सीरीज में लगातार वेल्ड करता है | इसका इस्तेमाल करके हम दो धातु के sheets को लगातार जोड़ते जा सकते है | जैसे की निचे दिखाए चित्र में हम देख सकते है की धातु के sheet को दो पहियों याने wheels के बिच में रखा गया है |
उन wheels के दो काम होते है एक की mechanical pressure को लगाना और दूसरा करंट के फ्लो को बनाना ताकि लगातार वेल्ड बनता जा सके | निचे हम spot welding के चित्र को देख सकते है |
Seam welding in Hindi |
इसमे लगाने वाले mechanical pressure को एक जैसा बनाये रखा जाता है और करंट को रेगुलेट करने के लिए timer का इस्तेमाल किया जाता है |
एक अच्छे ससीम वेल्डिंग के लिए जिस धातु को वेल्ड किये जाने वाला है उसकी सतह साफ होनी याने उसपर कोई धुल दुआ ना हो ताकि वेल्ड अच्छे से हो सके | इसमे इस्तेमाल होने वाले electrodes copper alloy के बने होते है और उनमे से पानी गुजरता रहता है ताकि अतिरिक्त गर्मी को कम किया जा सके |
Types of welding ( वेल्डिंग के प्रकार):-
Seam welding working (सीम वेल्डि के काम का सिद्धांत):-
जैसे ही pressure को दिया जाता है वैसे ही drive याने दोनों पहिये चलने लगते है साथी साथ करंट बहना भी सुरु हो जाता है जीतनी जल्दी सतह गरम होती जाएगी उतनी ही जल्दी दो sheet के बिच में वेल्ड होता जायेगा | शीट में से जब करंट गुजरता है तब sheet के resistance की वजह से वहा पर गर्मी उत्पन्न हो जाती है |
इसमे उत्पन्न होने वाली गर्मी को नियंत्रित करने के लिए या तो करंट को या pressure को कम ज्यादा किया जाता है ऐसा करने से contact में का resistance भी कम ज्यादा होता है |
अगर ज्यादा गर्मी उत्पन्न हो रही है तब रोलर याने पहियों की गति भी बढ़ जाती है ताकि वेल्डिंग में कम समय लगे यह उल्टा ही हो सकता है |
सामान्यतः एक मीटर की वेल्डिंग में 200 से लेकर 400 joints बनते है, जह joints हमें किस तरह की welding चाहिए इसपर निर्भर करता है | और इसकी वेल्डिंग स्पीड 0.25 meter से लेकर 10 meter प्रति मिनट तक होती है |
Advantages of seam welding (सीम वेल्डिंग के फायदे):-
- सीम वेल्डिंग से की गयी welding रिसाव रहित होती है याने की इसमे पानी, धुल मिट्टी या भाप, बाहरी तत्व अंदर नहीं जा सकते |
- इस वेल्डिंग की मदद से बोहोत तेजीसे overlapping कर सकते है |
- स्पॉट वेल्डिंग के मुकाबले इसका जोड़ मजबूत होता है |
- इसको इस्तेमाल करना आसान होता है |
- करंट का इस्तेमाल बोहत ही अच्छे तरीके से किया जाता है |
- सीम वेल्डिंग बोहत तेजीसे की जा सकती है |
- इस वेल्डिंग तकनीक से कोई गैस उत्पन्न नहीं होती है इसकी वजह से प्रदुषण नहीं होता है |
- सीम वेल्डिंग में किसी तरह के filler का इस्तेमाल नहीं किया जाता है |
Disadvantages of seam welding (सीम वेल्डिंग के नुकसान):-
- Spot welding की तुलना में इसके welding set का मूल्य ज्यादा होता है |
- यह वेल्डिंग एक ही दिशा में या फिर समान रूप से घुमावदार रेखा में ही की जा सकती है |
- 3 mm से मोटे धातु को वेल्ड करना आसान नहीं होता है |
- पॉवर सप्लाई में बदलाव से वेल्डिंग पर असर पड़ता है |
Application of seam welding (सीम वेल्डिंग के उपयोग):-
- इसका इस्तेमाल जलरोधी, वायुरोधी, भापरोधी, टंकियो को बनाने के लिए किया जाता है जैसे की boiler, furnace.
- इसका इस्तेमाल ईंधन से भरे टैंक को बनाने में किया जाता है क्यू की यह welding liquid tight होती है |
- इसका बोहोत ज्यादा इस्तेमाल pipes और tubes को बनाने में किया जाता है |
- साथी साथ इसका इस्तेमाल transformer की tank. और बोहोत सारे tank बनाने में होता है |
- Tin can, धातु के ड्रम और रेडियेटर बनाने में इस्तेमाल होता है |