तो दोस्तों Electroplating in Hindi इस आर्टिकल में हम आज इलेक्ट्रोप्लेटिंग क्या है याने की विद्युत लेपन क्या है ?, और किस तरह काम करता है, इसका इस्तेमाल कहा पर किया जाता है | साथी साथ इसके लाभ और नुकसान सभी चीजो के बारेमे चर्चा करने वाले है |
Electroplating in hindi (इलेक्ट्रोप्लेटिंग क्या है?) :-
इलेक्ट्रोप्लेटिंग को अगर आसान भाषा में कहे तो इसका मतलब ये होता है की एक अच्छे, बेहतर धातु को किसी कम अच्छे मूल धातु के ऊपर electrolysis की मदद से जमा करना या फिर पतली परत लगाना | विद्युत लेपन की खोज Luigi Valentino Brugnatelli ने 1805 में की थी |
जैसे की अगर उदाहरण लिया जाये तो iron याने की लोहा जिसपर बोहोत ही आसानी से बाहरी वातावरण जैसे की हवा, नमी, या कार्बन डाइऑक्साइड की वजह से जंग लग जाता है, इस धातु के ऊपर electrolysis की मदद से nickel या chromium की परत लगाना जो की केमिकल से अच्छा बचाव कर सकते है |
मशीन के पुर्जे हो या फिर कोई फोटो फ्रेम के ऊपर अगर chromium की परत लगा दे तो न सिर्फ ये उस पुर्जे के ऊपर जंग लगने देता है साथी साथ दिखने में बोहोत अच्छा दीखता है |
Electroplating में जो deposits धातु के ऊपर जमा हो जाते है वो प्राकृतिक रूप से crystalline याने की चमकदार होते है | अगर बोहोत अच्छा समान, स्पष्ट रूप से deposit धातु के ऊपर चाहिए तो उसके लिए crystal का बोहोत ज्यादा छोटा होना जरुरी होता है |
Electroplating का चित्र हम निचे देख सकते है |
Electroplating in hindi | विद्युत् लेपन |
इसके लिए electrolytic bath में एक सही electrolytes का इस्तेमाल करना बोहोत जरुरी होता है साथी साथ करंट की सही मात्रा का इस्तेमाल करना भी बोहोत जरुरी होता है | साथी साथ तापमान को भी एक सही अनुपात में रखना जरुरी होता है |
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Current density and temperature for some example (कुछ उदाहरानो के लिए तापमान और करंट की मात्रा):-
- Na₃ [ Cu(C₂N)₄] के लिए करंट की मात्रा 32 से 65 A/m² और तापमान 45 ℃ होना चाहिए |
- [Ag(CN)₂] के लिए करंट कि मात्रा 42 A/m² और तापमान 20 ℃ होना चाहिए |
Electroplating process in hindi (इलेक्ट्रोप्लेटिंग प्रक्रिया):-
- Preparation of work (काम की तैयारी)
- Cleaning method(सफाई विधि)
- Electrolytic bath(इलेक्ट्रोलाइटिक स्नान)
1. Preparation of work (काम की तैयारी):-
जिस धातु के ऊपर plating याने की परत चढ़ानी हो उस धातु को तैयार करने के लिए निचे दिए गए पॉइंट्स को फॉलो करना जरुरी होता है :-
- धातु के ऊपर जमी oil याने तेल grease या organic material को निकलना चाहिए |
- जंग, ऑक्साइड, scale या फिर दुसरे कुछ coating को धातु के ऊपर से निकलना चाहिए |
- कुछ मैकेनिकल प्रकिया की भी जरुरत पड़ती है ताकि इलेक्ट्रोप्लेटिंग प्रोसेस अच्छे से हो सके जैसे की धातु को पॉलिश करना और बफिंग करना |
पहले साबुन, गरम alkali मिश्रण या फिर organic solvent जैसे की gasoline या फिर carbon tetrachloride का इस्तेमाल साफ करने के लिए किया जाता है | उसके बाद दुसरे चरण में कुछ एसिड, alkali, या साल्ट solution, mechanical abrasion और electrolytic क्लीनिंग की जाती है |
उसके बाद आखरी चरण याने तीसरे चरण में mechanical abrasion और polising का इस्तेमाल किया जाता है |
2. Cleaning method (सफाई विधि):-
अगर जिस धातु के ऊपर electroplating की जाने वाली है वह धातु अच्छे से साफ, पॉलिश और उसपर ग्रीस हो तो उसकी वजह से उसपर धातु की परत अच्छे से नहीं लग पायेगी और वह निकल जाएगी साथी साथ दिखने भी अच्छी नहीं दिखेगी |
अगर बोहोत अच्छी साफ मजबूत और सुंदर परत चाहिए तो उसके लिए बेस धातु को बोहोत साफ होना जरुरी होता है | इसके लिए धतू को फिर से mechanical तरीके से याने की grinding और scratching की जाती है, उसके बाद sandblasting फिर उसपर केमिकल प्रक्रिया की जाती है |
केमिकल प्रकिया के लिए गरम alkalies अगर सतह पर ग्रीस हो तो, और अगर सतह पर oxide films हो तोdilute acid का इस्तेमाल किया जाता है साथी साथ organic solvent का भी इस्तेमाल किया जाता है ताकि धातु और भी ज्यादा साफ हो सके |
3. Electrolytic bath (इलेक्ट्रोलाइटिकल बाथ):-
किस तरह के Electrolyte का इस्तेमाल electrolytic bath में इस्तेमाल होगा यह किस धातु के ऊपर प्रकिया करना है इसपर निर्भर होता है | निचे हम कुछ इलेक्ट्रोप्लेटिंग के उदहारण देखने वाले है |
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Electroplating examples in Hindi:-
1. Copper electroplating(तांबा इलेक्ट्रोप्लेटिंग):-
Copper की प्लेटिंग के लिए दो प्रकार के electrolytic bath का इस्तेमाल किया जाता है | एसिड प्रकार के बाथ के solution याने घोल के लिए copper sulphate को 150-200 gm लिया जाता है और sulphuric acid को 25 से 35 gm पर 1000 cc solution के लिए लिया जाता है |
करंट की density को 150 से 400 A/m² और तापमान 25 से 50 ℃ होता है |
एक दुसरे bath के लिए याने cyanide bath के 1000 cc solution के लिए 25 gm copper cynide, 28 gm sodium cyanide, 6 gm sodium carbonate और 6 gm sodium bisulphate लिया जाता है | इसके लिए करंट डेंसिटी 50 से 150 A/m² और तापमान 25 से 40 ℃ तक होता है |
इसका इस्तेमाल करके बोहोत ही smooth deposite मिलते है | दोनों bath में copper एनोड का इस्तेमाल किया जाता है |
2. Silver electroplating(चांदी इलेक्ट्रोप्लेटिंग):-
Silver electroplating के घोल के लिए 24 gm silver cyanide, 24 gm potassium carbonate और 36 gm potassium cyanide का इस्तेमाल पर 1000 cc के लिए किया जाता है |
इसमे करंट की डेंसिटी 50 से 150 A/m² होती है और तापमान 20 से 35 ℃ तक होता है | इसका इस्तेमाल decorative pieces को जंग से बचने केलिए और bearing की बाहरी सतह पर किया जाता है |
3. Gold electroplating(सोना इलेक्ट्रोप्लेटिंग):-
Gold plating के 1000 cc घोल बनाने के लिए 18 gm potassium gold cyanide, 12 gm potassium cyanide, 6 gm potassium sulfate और 12 gm caustic potash का इस्तेमाल किया जाता है | इसमे इस्तेमाल किये जाने वाला anode satinless steel से बना होता है |
इसके लिए करंट की डेंसिटी 50 से 150 A/m² होती है और तापमान 50 से 70 ℃ तक होता है | इसका इस्तेमाल decorative के लिए और jewellery में किया जाता है |
4. Chromium electroplating(क्रोमियम इलेक्ट्रोप्लेटिंग):-
सबसे ज्यादा क्रोमियम इलेक्ट्रोप्लेटिंग का इस्तेमाल किया जाता है | इसके पर 1000 cc घोल के लिए 180 से 300 gm chromic acid और 2-3 gm sulphuric acid का इस्तेमाल किया जाता है |
इसमे करंट की डेंसिटी 1500 से 2500 A/m² तक और तापमान 35 से 50 ℃ तक होता है | हार्ड क्रोमियम प्लेटिंग के लिए ज्यादा करंट डेंसिटी का इस्तेमाल किया जाता है और decorative चीजो को बनाने के लिए कम करंट डेंसिटी |
इसमे anode antimonial lead से बनी होती है | क्रोमियम इलेक्ट्रोप्लेटिंग का इस्तेमाल decorative चीजो को बनाने में किया जाता है |
5. Nickel electroplating(निकल इलेक्ट्रोप्लेटिंग):-
इस घोल में 180 से 240 gm nickel sulphate होता है और 36 gm nickel chloride, 24 gm boric acid पर 1000 cc के हिसाब से होता है | इसमे करंट की डेंसिटी 100 से 200 A/m² तक जोती है और तापमान 25 से 40 ℃ तक होता है |
इसमे anode शुद्ध निकल से बना होता है | इसका भी इस्तेमाल decorative चीजो के ऊपर परत लगाने के लिए और दुसरे चीजो में भी किया जाता है |
Advantages of electroplating (इलेक्ट्रोप्लेटिंग के फायदे):-
- इलेक्ट्रोप्लेटिंग की मदद से किसी धातु के ऊपर सुरक्षात्मक परत को लगा सकते है |
- इसकी वजह से धातु के उप जंग नहीं लगता है, और धातु की मजबूती भी बढ़ जाती है |
- परत की वजह से धातु गर्मी को अच्छे तरह से रोक सकता है |
- विद्युत लेपन की वजह से घर्षण कम हो जाता है इसका फरक बोहोत सारी दूसरी चीजो पर पड़ता है |
- इस प्रकिया की वजह से धातु के गुण और बढ़ जाते है |
- अगर आपको थोडा मोटा धातु चाहिए तो इलेक्ट्रोप्लेटिंग से कर सकते है उसकी वजह से उसकी life भी बढ़ जाएगी और धर्षण को भी अच्छे से झेल लेगा |
Disadvantages of electroplating (इलेक्ट्रोप्लेटिंग के नुकसान):-
- इस प्रक्रिया का सबसे बड़ा नुकसान ये है की इसकी वजह से प्रदुषण होता है, इस प्रक्रिया को करते समय hazard waste निकलता है जो पर्यावरण को नुकसान पहुचाता है इसलिए इससे निकालने वाले waste को अच्छे से dispose system होना जरुरी होता है |
- इस प्रक्रिया को करने के लिए बोहोत केमिकल और दुसरे उपकरणों का इस्तेमाल करना पड़ता है इसलिए यह process महँगी है |
- इस प्रक्रिया को करने के लिए बोहोत समय लगता है |
Application of electroplating (इलेक्ट्रोप्लेटिंग के उपयोग):-
- इसका बोहोत ज्यादा इस्तेमाल decorative याने सजावटी चीजो के ऊपर चमकदार परत को लगाने के लिए किया जाता है |
- इलेक्ट्रोप्लेटिंग का इस्तेमाल गहने याने jewellry बनाने के लिए किया जाता है |
- इसका इस्तेमाल रेपैरे के काम में किया जाता है |
- विद्युत लेपन करने से इलेक्ट्रिकल conductivity बढ़ जाती है |
- जंग रोधी परत के लिए इस्तेमाल किया जाता है |
- रसोई घर में इस्तेमाल होने वाले बोहोत सारी चीजो के ऊपर electroplating की जाती है |
- Mobile phone में
- विद्युत लेपन गाडियों में भी बोहोत ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है |
FAQ
2)इसकी वजह से धातु के उप जंग नहीं लगता है, और धातु की मजबूती भी बढ़ जाती है |
3)परत की वजह से धातु गर्मी को अच्छे तरह से रोक सकता है |
4)विद्युत लेपन की वजह से घर्षण कम हो जाता है इसका फरक बोहोत सारी दूसरी चीजो पर पड़ता है |
5)इस प्रकिया की वजह से धातु के गुण और बढ़ जाते है |
6)अगर आपको थोडा मोटा धातु चाहिए तो इलेक्ट्रोप्लेटिंग से कर सकते है उसकी वजह से उसकी life भी बढ़ जाएगी और धर्षण को भी अच्छे से झेल लेगा |
2) इलेक्ट्रोप्लेटिंग का इस्तेमाल गहने याने jewellry बनाने के लिए किया जाता है |
3) इसका इस्तेमाल रेपैरे के काम में किया जाता है |
4) विद्युत लेपन करने से इलेक्ट्रिकल conductivity बढ़ जाती है |
5) जंग रोधी परत के लिए इस्तेमाल किया जाता है |
6) रसोई घर में इस्तेमाल होने वाले बोहोत सारी चीजो के ऊपर electroplating की जाती है |
7) Mobile phone में, विद्युत लेपन गाडियों में भी बोहोत ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है |