किसी भी तरह इंडस्ट्री में मैकेनिकल या फिर इलेक्ट्रिकल मात्रा को मापने के लिए transducer का इस्तेमाल किया जाता है | इसलिए आज हम Thermistor in hindi इस आर्टिकल में थर्मिस्टर क्या है उसकी परिभाषा उपयोग और इसका इस्तेमाल कहा पर किया जाता है उसके बारेमे जानेगे |
Thermistor in hindi ( थर्मिस्टर क्या है ? ) :-
Thermistor एक तापमान पर निर्भर resistor है | इसको बनाने के लिए सेमीकंडक्टर मेटेरियल का इस्तेमाल किया जाता है | अगर रेजिस्टेंस में बदलाव होता है तब तापमान में nonlinear बदलाव होता है | Thermistor का इस्तेमाल तापमान मापने की रेंज को देखा जाये तो -100 ℃ से लेकर 300 ℃ तक का तापमान मापा जा सकता है |
Thermistor का रेजिस्टेंस हम निचे प्रकार से देख सकते है |
Rт = Rо exp [β(1/T – 1/Tо)]
जहा पर
थर्मिस्टर की यह अछि बात है की इसमें अगर थोडासा भी तापमान में बदलाव आ जाता है तब उसकी वजह से रेजिस्टेंस में ज्यादा बदलाव आता है | कुछ स्थिति में अगर देखे तो रूम तामपान पर thermistor का तापमान अगर 6 percent कम हो जाता है जब 1℃ तापमान बढ़ता है |
Thermistor के resistance में किस तरह बदलाव होता है ये हम निचे दिखाए चित्र में देख सकते है |
Thermistor in hindi |
जब तापमान में बढ़त होती है तब रेजिस्टेंस कम हो जाता है इसीको negative tempreture coefficient thermistor (NTC) कहा जाता है |
Thermistor के resistance में 0.5Ω से 0.75 MΩ तक बदलाव आता है | थर्मिस्टर का रेजिस्टेंस – टेम्प्रेचर characteristic non – linear है |
निचे नुम थर्मिस्टर का V-I characteristics को देख सकते है |
Thermistor in hindi |
जब करंट की वैल्यू अपने peak तक जाती है तब तक थर्मिस्टर में वोल्टेज ड्राप होता रहता है | जब peak वैल्यू तक पहुंच जाता है तब वोल्टेज ड्राप कम हो जाता है जैसे जैसे करंट बढ़ता जाता है |
जब ज्यादा करंट और ज्यादा वोल्टेज को thermistor पर लगाया जाता है, तब heat उत्पन्न हो जाती है हो heat thermistor को गरम कर देती है | इसकी वजह से थर्मिस्टर का रेजिस्टेंस कम हो जाता है | जैसे जैसे करंट बढ़ता जाता है वैसे ही थर्मिस्टर का रेजिस्टेंस कम होता रहता है |
तब तक करंट बढ़ता रहता है जब तक heat dissipated power supplied के बराबर नहीं हो जाता है | ऐसी characteristic को self heating कहा जाता है | इसका इस्तेमाल करके हम flow याने बहाव को pressure याने दाब को liquid level याने तरल के स्तर को और गैस के composition याने गैस की संरचना को माप सकते है |
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Construction of Thermistor ( थर्मिस्टर की बनावट ):-
Thermistor को बनाने के लिए कुछ मटेरियल का इस्तेमाल किया जाता है जैसे की manganese के metalic oxides के sintered mixture का और nickel, cobalt, iron, copper, का इस्तेमाल किया जाता है |
Thermistor बोहोत सारी आकार या configuration में उपलब्ध होते है जैसे की small beads, disks, rods, जो हम निचे दिखाए चित्र में देख सकते है |
Thermistor in hindi |
Bead type thermister होते है उनका diameter याने व्यास 0.015 mm से 1.25 mm तक होता है याने इसका आकार छोटा होता है | Glass probes का diameter याने व्यास लगभग 2.5 mm और इसकी लम्बाई 2.5 mm से 25 mm तक होता है |
Disc को बनाने के लिए थर्मिस्टर के मटेरियल को बोहोत ज्यादा pressure पर दबाया जाता है इसका आकार सतल होता है और इसका diameter 2.5 mm से लेकर 25 mm तक होता है |
Probes का इस्तेमाल liquids याने तरल पदार्थ को मापने के लिए इस्तेमाल होता है | इसका रेजिस्टेंस की सिमा 300 Ω से 100 Ω तक होती है |
अगर ज्यादा पॉवर dissipation की जरुरत होती है तब disc, washer, और rod टाइप का इस्तेमाल किया जाता है | Disc type thermistor का इस्तेमाल तापमान को नियंत्रित करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है इसका व्यास 10 mm होता है और ये एक प्लेट पर लगा होता है |
Disc type thermistor को बनाने के लिए थर्मिस्टर मटेरियल को बोहोत ज्यादा दबाव पर प्रेस किया जाता है, दबाव की वजह से एक सतल प्लेट बन जाती है और ये राउंड डाई आकार है |इसका व्यास लगभग 1.25 से 25 mm तक होता है और 0.25 से 0.75 mm मोटा होता है और इसकी रेजिस्टेंस की मात्रा 1Ω से लेकर 1MΩ तक होती है |
Washer type को बनाने के लिए भी disc की तरह प्रक्रिया का इस्तेमाल किया जाता है, इसमें सिर्फ एक चीज अलग होती है जोकि इसके बिच में एक होल होता है ताकि वहा पर बोल्ट को लगाया जा सके |
Rod type thermistor को बनाने के लिए dies का इस्तेमाल किया जाता है | यह एक लम्बा गोलाकार का यूनिट होता है और उसका diameter 1.25 mm, 2.75 mm, और 4.25 mm होता है | और इसका रेजिस्टेंस 1 kΩ से 50 kΩ तक होता है |
Rod type thermistor बोहोत ज्यादा रेजिस्टेंस उत्पन्न कर सकता है साथी साथ वह ज्यादा पावर को भी संभाल सकता है इस कारन के वजह से यह थर्मिस्टर दुसरो से अच्छा होता है |
Thermistor को सीरीज या फिर प्यारालेल में लगा सकते है यह पावर हैंडलिंग कैपेसिटी पर निर्भर होता है | इनका इस्तेमाल nuclear power plant, Nuclear वातावरण जा सकता है क्यू की यह chemically स्टेबल होता है |
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Applications of thermistor ( थर्मिस्टर के उपयोग ) :-
- इनका इस्तेमाल जैव चिकित्सा उपकणोंमे याने biomedical instruments में इस्तेमाल किया जाता है |
- Tempreture sensor के लिए |
- ज्यादा frequency में पॉवर को मापने के लिए |
- गैसेस के प्रभाव के लिए thermistor का इस्तेमाल किया जाता है |
- तरल याने liquids के level याने स्तर, flow याने बहाव, और pressure याने दबाव को मापने के लिए है |
- थर्मल conducivity को मापने के लिए |
- मोटर वाहन में थर्मिस्टर का इस्तेमाल किया जाता है |
- Thermistor करंट लिंमिटिंग यंत्र है उसकी वजह से इसको सर्किट के प्रोटेक्शन इस्तेमाल किया जाता है , कई जगह पर fuse की जगह इसका इस्तेमाल किया जाता है |
- जहा पर खाने को रखा जाता है और उसे प्रोसेस किया जाता है वहा इसका इस्तेमाल किया जाता है ताकि तापमान को नियंत्रित रखा जा सके |
- 3D printres में भी इसका इस्तेमाल किया जाता है ताकि तापमान को सही बनाया जा सके |
Advantages of Thermistor ( थर्मिस्टर के फायदे ) :-
- इसका आकार छोटा होता है, compact याने सघन, और मजबूत होता है |
- इनका इस्तेमाल वहा पर किया जा सकता है जहां पर तापमान को बोहोत बारीकी से observe किया जाता है और बदला जाता है |
- इसका रेसोलुशन ज्यादा होता है |
- जहा पर tempreture distribution या tempreture gradient तामपान मापना होता है वहा पर इसका बोहोत अच्छे से इस्तेमाल किया जाता है |
- थर्मिस्टर को लगाने के बाद थोड़ समय होने पर और अच्छे तरह से काम करता है |
- बोहोत कम तापमान रेंज में भी बोहोत तेजीसे प्रतिक्रिया देती है |
- NTC क्षेत्र में अच्छी संवेदनशीलता दिखाता है |
- ज्यादा रेजिस्टेंस के कारण contact और lead resistance की दिक्कत नहीं होती है |
- इनको इस्तेमाल करना आसान है |
- अपने हिसाब से विकल्प उपलब्ध है |
Disadvantages of Thermistor ( थर्मिस्टर के नुकसान ) :-
- तापमान बनाम रेजिस्टेंस characteristics non linear है |
- ज्यादा रेजिस्टेंस होने के कारन shielded पॉवर लाइन और फ़िल्टर इनका इस्तेमाल करना पड़ता है |
- बोहोत ज्यादा श्रेणी में उपलब्ध नहीं है | (-100℃ से 300℃ )
- self heating से बचने के लिए कम excitation करंट |
- इसके operation के लिए बाहरी dc supply की जरुरत होती है |
- यह एक passive device है |