आज अगर हम देखे तो इलेक्ट्रिकल और electronics उपकरणों का उपयोग बोहोत ज्यादा किया जाता है क्यू की इन उपकणो की वजह से कोनसा भी काम आसान हो जाता है |
Transducers बोहोत प्रकार के होते है, हम इस आर्टिकल में Piezoelectric transducer क्या होता है और यह किस तरह से काम करता है यह देखने वाले है | साथी साथ इसके फायदे और नुकसान और रस्का इस्तेमाल कहा पर किया जाता है यह भी देखेंगे |
Piezoelectric Transducer in Hindi ( पीजोइलेक्ट्रिक ट्रांसड्यूसर क्या है ?) :-
कुछ सामग्री या material में कुछ खास तरह के गुण होते है उसे piezoelectricity कहा जाता है | इन मटेरियल की खासियत यह होती है की जब उसपे mechanical stress दिया जाता है तब उसमे electrostatic charge या voltage उत्पन्न हो जाता है |
जिन मटेरियल में इस तरह के गुण होते है उन मटेरियल को piezoelectric material कहा जाता है | इसके कुछ उदाहरण है जैसे की quartz, Rochelle salt, और कुछ अलग अलग synthetic ceramic material .
जो Natural quartz होता है वह सबसे उपयुक्त है क्यू की उसकी resistivity ज्यादा होती है और तापमान का असर कम होता है | इसका इस्तेमाल बोहोत बड़े रेंज तक किया जा सटका है | piezoelectric transducer की कुछ रचनाये हम निचे दिखाए चित्र में देख सकते है |
Piezoelectric transducer in hindi |
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Construction and Working of Piezoelectric transducer (पीजोइलेक्ट्रिक ट्रांसड्यूसर बनावट और कार्यसिद्धांत ) :-
निचे दिखाए गए चित्र में हम piezoelectric transducer की बनावट को देख सकते है और साथी साथ उसका सर्किट भी देख सकते है | इसमें एक crystal को solid base और force summing member के बिच में रखा जाता है |
Piezoelectric transducer in Hindi |
Piezoelectric transducer in hindi |
ऊपर दिखाए चित्र में pressure port मे से external force को दिया जाता है,यह port transducer के ऊपरी भाग पर होता है | इसकी वजह से ही emf उत्पन्न होता है |
जब piezoelectric element पर प्रेशर डाला जाता है तब उसमे से कुछ energy electrical potential में रूपांतरित हो जाती है | बची हुई energy मैकेनिकल एनर्जी में रूपांतरित हो जाती है |
जब pressure को हटाया जाता है तब piezoelectric element अपने पहले वाले स्थान पर वापस आ जाता है, और तब इसमें का electrical charge ख़तम हो जाता है | इसका कपलिंग कोएफ़िसिएंट निचे दिखाए प्रकार से देख सकते है |
K = Mechanical energy converted to electric energy / Applied mechanical energy
Or
K = Electrical energy converted to mechanical energy / Applied mechanical energy
अगर अल्टेरनेटिंग वोल्टेज को piezoelectric crystal में दिया जाये तब piezoelectric crystal अपने natural resonance frequency पर virbate करने लगेगा | इसमें frequency स्टेबल होती है इसलिए इसका इस्तेमाल HF accelerometer में किया जाता है |
इसका output voltage का बेसिक expression अगर देखे तो वह कुछ इस तरह का होता है |
E。= Q / C🇵
Advantages of piezoelectric transducer ( पीजोइलेक्ट्रिक ट्रांसड्यूसर के फायदे ):-
- इसका frequency response बोहोत अच्छा है | इसकी वजह से इसका इस्तेमाल high frequency accelerometer जाता है जहा पर output voltage 1 – 30 mV per gm ऑफ़ acceleration |
- यह यंत्र एक self generating यंत्र है. इसका मतलब इसको चलने के लिए किसी तरह का अतिरिक्त power सप्लाई की जरूरत नहीं होती है इस यंत्र को चलाने के लिए |
- इसका आकार और size बोहोत छोटा होता है |
- यह छोटा होने कारन इसको इस्तेमाल करना बोहोत आसान है |
- इसकी बनावट बोहोत मजबूत होती है |
- यह यंत्र बोहोत सारे आकार में उपलब्ध होता है |
- Natural quartz और barium titanate को हम किसी भी आकार में बना सकते है |
- इसका outputबोहोत ज्यादा होता है उसकी वजह से इसके output को मापना आसान हो जाता है |
Disdvantages of piezoelectric transducer ( पीजोइलेक्ट्रिक ट्रांसड्यूसर के नुकसान ) :-
- Crystal में होने वाले तामपान के बदलाव की वजह से output voltage में फरक आता है |
- इसमे static condition को नहीं माप सकते |
- कुछ Crystal पानी में पिघल जाता है इसकी वजह से high humid envirment में पिघल जाते है |
- इसका इस्तेमाल सिर्फ dynamic condition को मापने में होता है |
- अतिरिक्त इलेक्ट्रॉनिक्स सर्किट का इस्तेमाल करना पड़ता है |
Application of piezoelectric transducer ( पीजोइलेक्ट्रिक ट्रांसड्यूसर का इस्तेमाल ):-
- इसका इस्तेमाल acceleration और vibration को मापने के लिए होता है |
- साथी साथ इसका इस्तेमाल ultrasonic, non destructive टेस्ट उपकरणों में, ultrasonic flow meter, micromotion actuators में इस्तेमल होता है |
- Sound intensity और dynamic pressure को मापने के लिए भी इसका इस्तेमाल होता है |
- इसका इस्तेमाल Spark ignition engines, electrostatical dust filter में इस्तेमाल होता है |
- बोम्ब ब्लास्ट जैसी घटना के प्रभाव को मापने के लिए और उसका अभ्यास करने के लिए |
- Wind tunnel और Aerodynamics में भी इस्तेमाल होता है |
- इसका इस्तेमाल record player में किया जाता है |
- एलेक्रोनिक घडी में भी इसका इस्तेमाल किया जाता है |
- इसका इस्तेमाल seismographs में किया जाता है जिसका इस्तेमाल पत्थर में होने वाले कम्पन को मापने में होता है |