Thermal power plant in hindi | थर्मल पावर प्लांट पूरी जानकारी

आज हम thermal power plant in hindi इस आर्टिकल में पावर प्लांट की पूरी जानकरी एक साथ देने की कोशिश की है, जैसे की यह पावर प्लांट कैसे काम करता है ? इसके कितने प्रकार है ?, इसमे कोनसे भाग होते है? फायदे नुकसान इन सबके बारेमे जानेंगे |

Table of Contents

Types of power plants (पावर प्लांट के प्रकार ) :-

1) Thermal power plant
2) Solar power plant
3) Nuclear power plant
4) Diesel fired power plants
5) Gas fired power plants

Thermal power plant in hindi (थर्मल पॉवर प्लांट ) :-

Engineering का उद्देश्य यही है की energy को एक रूप से दुसरे रूप में रूपांतरित करना |जैसे जैसे मानव सभ्यता का विकास होता जा रहा है वैसे ही electrical power की मांग भी बोहोत तेजीसे बढ़ रही है |

Thermodynamics cycle का इस्तेमाल करके और vapour को काम करने वाला पदार्थ के रूप में लेकर एक cycle तैयार होता है उसे vapour power cycle कहा जाता है | इसी vapour का इस्तेमाल करके electricity का निर्माण किया जाता है उसे steam power plant कहा जाता है |

Thermal power plant में पानी का इस्तेमाल किया जाता है इस पानी को भाप याने vapour में बदला जाता है इसके लिए boiler का इस्तेमाल किया जाता है फिर इस भाप की मदद से steam turbine को घुमाया जाता है, steam turbine generator से जुड़ा होता है उसी के मदद से mechanical energy को electrical energy में बदला जाता है |

Basic coponents of thermal power plant (थर्मल पॉवर प्लांट के मुख्य घटक ):-

थर्मल पॉवर प्लांट के मुख्य घटक निचे दिखाए चित्र में हम देख सकते है |

Thermal power plant in hindi | थर्मल पावर प्लांट पूरी जानकारी
Thermal power plant in hindi

1) Steam boiler (स्टीम बायलर ):-

यह एक पानी से भाप बनाने का vessel होता है, boiler में ईंधन याने fuel जैसे की कोयला और तेल को जलाया जाता है | combustion की वजह से heat energy उत्पन्न हो जाती है, उसके बाद इसी गर्मी का इस्तेमाल करके पानी को भाप में बदलने की प्रक्रिया की जाती है |

2) Steam turbine (स्टीम टर्बाइन):-

Steam boiler में उत्पन्न होने वाली भाप को steam turbine में दिया जाता है | इसमे बोहोर ज्यादा presure होता है इसमे भाप में की उर्जा की मदद से turbine को घुमाया जाता है और mechanical energy का रूपांतर electrical energy में किया जाता है |

3) Condenser (कंडेनसर) :-

Steam turbine से निकलने वाली भाप फिर भाप की गर्मी को कम करने वाले यंत्र से गुजरती है उसे ही consdenser कहा जाता है | cooling water की मदद से उस गरम heat को ठंडा किया जाता है, condensed steam को condensateकहा जाता है |

4) Feed pump (फीड पंप) :-

कंडेंसर से आने वाले condensate का pressure feed pump की मदद से बढाया जाता है यह pressure boiler pressure तक बढाया जाता है |

यहाँ पर thermodynamic का cycle पूरा हो जाता है |

ऊपर बताये cycle को पूरा करने के लिए दो vapour cycle का इस्तेमाल किया जाता है |

1) Rankine cycle ( 👈 रैंकिन चक्र की पूरी जानकरी के लिए ये पढ़े )

2) Carnot vapour cycle

3) Regenerative cycle

Types of thermal power plant (थर्मल पॉवर प्लांट के प्रकार ) :-

  1. Coal-based thermal power plant
  2. Nuclear power plant
  3. Fossil fuel power plant
  4. Geothermal power plant
  5. Renewable energy plant
  6. Blast furnace exhaust gasses
  7. Waste heat from industrial plant

Thermal power plant working (थर्मल पॉवर प्लांट वोर्किंग ):-

थर्मल पॉवर प्लांट एक ऐसा प्लांट है जिसमे कोयले की उर्जा का इस्तेमाल करके electrical energy का निर्माण किया जाता है |

यहाँ पर एक बात बोहोत महत्वपूर्ण है की उर्जा को कभी भी उत्पन्न नहीं किया जा सकता है सिर्फ उर्जा को एक रूप से दुसरे रूप में रूपांतरित किया जा सकता है | इस पॉवर प्लांट के में देखे तो मैकेनिकल एनर्जी को इलेक्ट्रिकल एनर्जी में बदला जाता है |

किसी भी power plant का उद्देश्य यही होता है की उससे electrical energy उत्पन्न हो, थर्मल पॉवर प्लांट में पहली जरुरत होती है coal याने कोयले की |

Coal based power plant में कोयला बोहोत ही महत्वपूर्ण होता है इसलिए उसे अच्छे से रखने के लिए coal handling plant होता है | coal की मात्रा बोहोत ज्यादा होती है इसलिए plant के 30 से 40 प्रतिशत हिस्से का इस्तेमाल coal handling के लिए किया जाता है |

अगर किसी वजह से कोयले का प्लांट तक आना संभव नहीं होता है तो उस परिस्थिति को ध्यान में रखते हुए लगभग 30 दिनों तक चले उतना कोयले की भंडार या storage करके रखा जाता है |

कोयले के बड़े तुकडे को छोटे टुकड़ो में बदलने के लिए crusher का इस्तेमाल किया जाता है उसके बाद pulveriser में कोयले को पाउडर में convert कर दिया जाता है |

उसके बाद कोयले को furnace में डाला जाता है वहा पर कोयला जलाया जाता है उसकी वजह से बोहोत ज्यादा गर्मी उत्पन्न हो जाता है | इस गर्मी को boiler में दिया जाता है ताकि boiler में का पानी गरम हो सके और steam उत्पन्न हो सके |

Boiler में उत्पन्न होने वाले steam का pressure 250 बार और तापमान लगभग 600 ℃ होता है |

इस भाप को फिर turbine में दिया जाता है उस turbine को generator जुड़ा होता है उन दोनों के बिच में gear बॉक्स भी जोड़ा जाता है ताकि गति को एक जैसा रखा जा सके |

Turbine के घुमाने से generator घुमाता है और उसकी वजह से electrical energy उत्पन्न होती है |

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Thermal power plant components (थर्मल पॉवर प्लांट के घटक ) :-

थर्मल पॉवर प्लांट के बोहोत बड़े जगह जगह पर निर्माण किया जाता है क्यू की इसके लिए बोहोत बड़े जगह की आवश्यकता होती है क्यू की इसमे बोहोत सारे उपकरण लगे होते है | थर्मल पॉवर प्लांट का चित्र हम निचे देख सकते है |

Thermal power plant in hindi | थर्मल पावर प्लांट पूरी जानकारी
Thermal power plant in hindi
थर्मल पॉवर प्लांट में कोनसे घटक याने component होते है और उनका काम क्या है वो विस्तार से निचे दिखाया गया है |

1) Coal handling (कोल हैंडलिंग ) :-

Coal handling plant in hindi

कोयला एक महत्व पूर्ण घटक है, दिन भर में बोहोत सारे कोयले की जरुरत पड़ती है उसके लिए कोयले का लगातार आना जरुरी होता है | कोयले को प्लांट तक लाने के लिए ships का railyways, road या फिर pipe line का भी इस्तेमाल किया जाता है |

अगर प्लांट समुन्दर के नजदीक हो तो कोयले को सीधे ship में से  conveyar belt की मदद से plant तक पहुचाया जा सकता है या फिर नदी के माध्यम से भी coal को पहुचाया जाता है लेकिन भारत में नदी से कोयले को पहुचाना संबव नहीं है |

अगर कोयले को pipe line से पहुचाया जाये तो वो बोहोत तेजीसे होगा और खर्चा भी कम आएगा, इसमे कम लोगोकी जरुरत पड़ेगी, coal की चोरी भी नही होगी |

Requirement of good coal handling plant (अच्छा कोल् हैंडलिंग प्लांट किस तरह होना चाहिए ):-

  1. इसमे कम से कम मरम्मत किजरुरत पड़े |
  2. इसकी बनावट सरल हो |
  3. यह विश्वसनीय होना चाहिए |
  4. मांग के हिसाब से coal की लगातार सप्लाई होनी चाहिए |

Coal handling system steps (कोल् हेंडलिंग स्टेप्स ):-

  1. Coal delivery :- इसके लिए ships, boat, rail transport और pipe line का इस्तेमाल किया जाता है | जहा पर यह उपलब्ध नहीं होता है वहा पर trucks का इस्तेमाल किया जाता है |
  2. Unloading (अनलोडिंग ) :- Coal के unloading के लिए coal की delivery किस तरह होती है उसपर निर्भर होता है जैसे की Coal towers, Unloading bridges, Coal accelerator, Poratable conveyers, Self unloading boats का इस्तेमाल किया जाता है |
  3. Preparation :- Coal का आकार छोटा या बड़ा हो सकता है इसलिए उसके हिसाब से उसको अलग अलग किया जाता है ताकि उसे अच्छे से prosses किया जा सके |
  4. Transfer of coal :- Coal को एक जगह से दुसरे जगह ले जाने के लिए Belt conveyors, Screw conveyor, Bucket elevetor, Grab bucket elevetor, Flight conveyors और scrapers, Skip hoist, इन सबका इस्तेमाल किया जाता है |
  5. Storage of coal :- Coal को अच्छे से स्टोर करना जरुरी होता है इसके लिए Outdoor storage इसमे  Stocking coal in piles, underwater storage आते है | साथी साथ Closed और live storage आता है
  6. Inplant handling :- इसमे जिस coal का इस्तेमाल किया जाने वाला है उस coal को furnace तक की प्रक्रिया सामिल होती है |
  7. Crusher :- इसका इस्तेमाल coal को और छोटे टुकड़ो में करने के लिए किया जाता है coal crusher में coal के 25 mm से 30 mm के आकार के तुकडे बन जाते है |

2) Pulverizer (पुल्वरिसर ) :-

Pulverizer  system का इस्तेमाल बड़े पावर प्लांट में किया जाता है जैसे की 100 MW के ऊपर वाले power plant. Pulverizer का काम होता है की वो coal को बोहोत छोटे टुकड़ो में करे याने की powder की तरह इसके कारन कोयला बोहोत जल्दी जल जाता है |

Pulverizer की वजह से कोयला जल्दी जलता है और बोहोत ज्यादा heat को उत्पन्न करता है | Pulverizer के कुछ फायदे है जैसे की इसकी वजह से धुआ उत्पन्न nahi होता है | लोड की मांग को बोहोत जल्दी पूरा करती है | इसमे ash handling की समाश्या नहीं रहती है |

Pulverizer fuel handling system :-

  1. Unit system और दूसरा
  2. Bin और central system.

Classification of pulverizer coal burner:-

  1. Verticle long flame burner
  2. Turbulent और short flame burner
  3. Tangential burners
  4. Cyclone burners

3) Ash handling system (ऐश हैंडलिंग सिस्टम) :-

पॉवर स्टेशन में बोहोत ज्यादा coal का इस्तेमाल किया जाता है उसके कारन ash याने की राख भी बोहोत ज्यादा तैयार होती है, उस ash को अच्छे से disposal करना बोहोत जरुरी होता है |

Necessity of Ash disposal (राख निपटाने की आवश्यकता):-

  1. Ash याने राख धुल ही होती है इसलिए इसके साथ कम करना बोहोत कठिन हो जाता है, यह धुल आँखों में जाये तो उसकी वजह से आंख में जलन होने लगाती है |
  2. अगर ये धुल किसी चीज पर बोहोत ज्यादा दिनों तक बनती रहे तो उसकी वजह से conveying उपकरण ख़राब हो सकते है इनमे लगी चैन system ख़राब हो सकती है |
  3. जब Ash furnace से बाहर आती है तब वो बोहोत गरम होती है इसलिए इसको ठंडा करना जरुरी होता है |
  4. अगर राख पानी के साथ मिल जाये तो corrosive acid तैयार होता है |

Good ash handling system consists (अच्छे ऐश हेंडलिंग प्लांट कैसा होना चाहिए ):-

  1. इसमे इस्तेमाल होने वाले उपकरण corrosion और water resistance होने चाहिए |
  2. प्लांट में से कम से कम आवाज होनी चाहिए |
  3. Furnace से बोहोत ज्यादा ash बहार निकलती है इसलिए उसको संभालने की क्षमता होनी चाहिए |
  4. Furnace से निकलने वाले ash को conveyor की मदद से दूसरी जगह लेजाना चाहिए |
  5. इसके रखरखाव का और इसकी पूरी लागत और operation का मूल्य कम होना चाहिए |

Types Ash handling system (ऐश हेंडलिंग सिस्टम के प्रकार ) :-

  1. Hydraulic ash handling system (हाइड्रोलिक ऐश हेंडलिंग सिस्टम )
  2. Pneumatic ash handling system ( न्युमेटिक ऐश हेंडलिंग सिस्टम )
  3. Mechanical ash handling system ( मैकेनिकल ऐश हेंडलिंग सिस्टम )

4) Boiler (बायलर):-

इसे steam generator या फिर boiler भी कहा जाता है | इसमे power को generate करने के लिए steam की जरुरत होती है | Indian Boiler Act 1923 के नुसार boiler एक बंद दबाव से भरा vessel जिसमे बोहोत सारा pressure हो और जिसका इस्तेमाल भाप बनाने में किया जाये |

Boiler steel से बना होता है, क्यू की power generation के लिए बोहोत ज्यादा भाप की जरुरत होती है और इसका pressure भी बोहोत ज्यादा होता है | boiler बोहोत सारे प्रकार के होते है जो की निचे दिखाए गए है |

Classification of boiler ( बायलर का वर्गीकरण ) :-

1) Depending upon positio of water and flue gases (पानी और फ्लुए गैसेस के आधार पर ):-
  1. Smoke tube fire tube boiler
  2. Water tube boiler
2) Depending on position of furnace (फर्नेस की स्थिति के आधार पर ):-
  1. Internally fired boiler
  2. Externally fired boiler
3) Depending on Axis of boiler (बायलर के एक्सिस का आधार पर ):-
  1. Verticle boiler
  2. Horizontal boiler
4) Depending on source of heat (हीट सोर्स के अद्धर पर ):-
  1. Heat due to combustion of solid, liquid and gas(सॉलिड,लिक्विड, गैस का उपयोग करके गर्मी उत्पन्न )
  2. Hot wastage gas (गरम ख़राब गैस)
5) Depending on the circulation of water (पानी के सर्कुलेशन के आधार पर )
  1. Natural circulation
  2. Forced circulation
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5) Condenser (कंडेंसर) :-

अगर हमें ज्यादा से ज्यादा काम करना हो तो उसके लिए heat को उसके maximum pressure पर और तापमान पर देना होगा | जैसे की Rankine cycle में होता है जो turbine से steam निकलती है उसका pressure ज्यादा होता है |

बेक प्रेशर में जो कमी आती है उस कमी को दोबारा अच्छा करने के लिए condenser का इस्तेमाल किया जाता है | इसका इस्तेमाल करने से plant के आउटपुट में बढ़त आती है |

Condenser एक heat ट्रान्सफर यंत्र है |

Condenser में इस्तेमाल होने वाले components :-

  1. Condenser,
  2.  Air extraction pump
  3. Circulating pump
  4. Cooling tower

Types of Condenser(कंडेंसर के प्रकार ):-

  1. Jet condenser (जेट कंडेंसर)
  2. Surface condensers (सरफेस कंडेंसर)

6) Cooling tower and cooling ponds (कुलिंग टावर और कुलिंग पोंड ) :-

Condenser में स्टीम कप कंडेंस करने के लिए पानी का लगातार आना जरुरी होता है जो पानी घूमके आता है उसका तामपान ज्यादा होता है उस पानी को जल्द से जल्द ठंडा करना जरुरी होता है ताकि उसका इस्तेमाल फिरसे किया जा सके |

बड़े जो power plant होते है याने की 100 MW उनमे लगभर 15 X 10⁵ लिटिर एक दिन मे |

Types of cooling system(कुलिंग सिस्टम के प्रकार ):-

  1. Open and once through system
  2. Closed cooling system
  3. Mixed cooling system

Types of cooling tower (कुलिंग टावर के प्रकार ) :-

  1. Natural draught cooling tower
  2. Mechanical cooling tower

7) Economisers (इकोनोमईसर) :-

यह एक heat exchanger यंत्र है , और इसका इस्तेमाल पानी के तापमान को बढ़ाने के लिए किया जाता है | इस प्रकिया के लिए gases की waste heat energy का इस्तेमाल किया जाता है |

इसकी वजह से boiler की efficiency अच्छी हो जाती है | लगभग 1% efficiency में बढ़त आती है per 5℃ के बढ़ने से |

इसकी वजह से tempreture stress कम हो जाता है | इसकी वजह से कार्यक्षमता बढती है और खर्च भी थोडा कम हो जाता है |

8) Air-preheater (एयर-प्री हीटर) :-

हवा को furnace में जाने से पहले गरम किया जाता है इसी को air preheater कहते है | इसकी वजह से heat combustion का रेट बढ़ जाता है और फ्लेम का तामपान भी बढ़ जाता है |

फ्लेम का तामपान बढ़ने के कारन ज्यादा heat ट्रान्सफर होती है और उसके कारन boiler जल्दी गरम हो जाता है | आमतोर पर  fuel को जलाने के लिए जीतनी हवा लगाती उससे कम हवा की जरुरत पड़ती है |

इसका इस्तेमाल करके low grade fuel को भी जलाया जा सकता है | साथी साथ इसकी वजह से कार्यक्षमता बढती है और खर्च भी थोडा कम हो जाता है |

Types of air preheater (एयर-प्री हीटर) :-

  1. Recuperative type air preheater
  2. Regenerative type sir preheater

9) Steam turbine (स्टीम टरबाइन) :-

जब steam boiler से निकलती है तो उसके बाद वो super heater में जाती है, सुपर हीटर में जाने के बाद उसका pressure बोहोत बढ़ जाता है और तामपान भी बढ़ जाता है उसके बाद इस steam को turbine में भेजा जाता है, उधर ये steam turbine के blade पर प्रहार करती है |

स्टीम के pressure की वजह से blade घूमने लगते है इसकी वजह से mechanical energy उत्पन्न हो जाती है | इस turbine को alternator जुदा होता है और उसी turbine की मदद से electrical energy उत्पन्न होती है |

10) Altenator (अल्टरनेटर) :-

इसका कम होता है mechanical enegry को electrical energy में बदलना यह faraday’s law of electromagnetic induction के कार्यसिधान्त पर काम करता है |

अल्टरनेटर में रोटर को turbine की मदद से घुमाया जाता है उसकी वजह से स्टेटर में emf उत्पन्न होता है और आगे जाके हमें electrical energy मिलती है |

इस electrical energy को बाद में transformer को दिया जाता है | वहा पर उसको step up करके transmission line में उसके बाद distrubussion line और उसके बाद हमारे घर तक बिजली पहुच जाती है |

11) Chimney (चिमनी ) :-

चिमनी की ऊँचाई 60 से 100 मीटर तक हो सकती है और यह power plant का सबसे ऊँचा हिस्सा होता है, क्यू की इसका कम होता है की इस्तेमाल गैसेस को पॉवर प्लांट के बहार ले जाता है |

12) Dust collector system(डस्ट कलेक्टर सिस्टम):-

Coal की मदद से चलने वाले boiler में coal के पूरी तरह से जलने के बाद कुछ घटक बच जाते है उसे dust या smoke कहा जाता है | अगर इस dust को चिमनी के जरिये बहार निकल दिया जाये to उसकी वजह से बाहरी वातावरण ख़राब हो सकता है |

Types of Dust collector (डस्ट कलेक्टर के प्रकार ) :-

1) Mechanical dust collector:-

मैकेनिकल डस्ट कलेक्टर के प्रकार :-

  1. Dry-type:- a) gravitational b) Cyclone separators
  2. Wet-type
2) Electrostatic dust collector:

Fuel used in Thermal power plant (थर्मल पॉवर प्लांट में इस्तेमाल होने वाले इंधन) :-

  1. Coal (कोयला)
  2. Nuclear (नुक्लिअर)
  3. Biomass wastage (बायोमास)
  4. Solar energy (सौर ऊर्जा)
  5. Oil (तेल)
  6. Natural gas (प्राकृतिक गैस)

Site selection for thermal power plant (थर्मल पॉवर प्लांट की जगह कैसे चुने ) :-

1) Availability of raw material (कच्चे माल की उपलब्धता ):-

आज के ज़माने के पॉवर प्लांट याने कोयले और तेल पर चले वाले प्लांट में बोहोत ज्यादा fuel की मात्रा की जरुरत होती है | अगर हम 300 MW कि क्षमता वाले पॉवर प्लांट को ले तो उसके लिए 3000 टन का कोयला एक दिन में लगेगा |

इसलिए ये जरुरी होता है की coal के ट्रान्सफर के लिए अच्छी सुविधा हो, अगर प्लांट की दुरी ज्यादा हो to उसकी वजह से दिक्कत आ सकती है | इसलिए 15 दिन तक चले उतना कोयला होना जरुरी होता है | लेकिन अगर 15 दिन का कोयले को स्टोर करे तो :-

a) जगह ज्यादा लगेगी
b) लागत ज्यादा लगेगी
c) ज्यादा कामगार लगेंगे
d) भंडारण में  घाटे हो सकते है |

2) Load centre (लोड सेंटर) :-

पॉवर प्लांट का उसी जगह होना जरुरी है जहा पर पॉवर की जरुरत हो, इसका मतलब यह नहीं की हर लोड के लिए पॉवर प्लांट का निर्माण किया जाये लेकिन आजू बाजु के लोड को देखते हुआ जहा ज्यादा लोड है उस जगह के आसपास प्लांट का निर्माण हो |

इसकी वजह से power plant की लागत में कमी आएगी और transmission और distribution का खर्चा भी कम हो जायेगा |

3) Availability of water (पानी की उपलब्धता) :-

स्टीम पॉवर प्लांट में पानी का बोहोत ज्यादा इस्तेमाल होता है और पानी भाप में बदल जाता है उसके लिए पानी की लगातार सप्लाई होना जरुरी होता है |

अगर 300MW के पॉवर प्लांट की बात की जाये तो उसके लिए एक दिन में लगभग 18 X 10⁸ लीटर पानी की जरुरत होती है जो की बोहोत ज्यादा है |

इसी लिए thermal power plant का उस जगह होना जरुरी है जहा पर पुरे साल तक अच्छे से पानी मिल सके जैसे की नदी, समुन्दर, या बड़ी झील |

4) Transport facility (परिवहन सुविधा) :-

पॉवर प्लांट उस जगह बना हुआ चाहिए जहा पर परिवहन सुविधा अच्छे से हो ताकि fuel और भारी machines को ले जाने में आसानी हो |

5) Nature of land and cost (जमिन किस तरह की है और कीमत ) :-

जिस जगह का चुनाव करना है उसकी high bearing capacity याने उच्च असर क्षमता लगभग 10 N/mm² हो ताकि जमिन पुरे प्लांट के भार को संभाल सके | इसकी वजह से faundation में लगने वाली लागत कम हो जाएगी |

पर MW capacity के लिए लगभग 1500 से 2500 m² की जगह की जरुरत पड़ती है | इसी कारन से जमिन की कीमत कम होना जरुरी होता है | जिस जगह का चुनाव होना है उस जगह पर मिनरल नहीं होने चाहिए |

6) Availability of labour (कामगारों की उपलब्धता) :-

पुरे प्लांट को बनाने के लिए बोहोत सारे कामगारों की जरुरत पड़ती है, इसलिए ये जरुरी है की जहा प्लांट बन रहा है वहा पर कम दाम पर कामगार उपलभ्द हो |

7) Ash disposal facility (राख निपटाने की सुविधा):-

Thermal power plant से बोहोत ज्यादा ash याने की राख निकलती है | यह राख इनसानों के लिए घातक होती है साथी साथ ये corrosive और आसपास के वातावरण को ख़राब कर सकती है |

इसलिए ash disposal के लिए बोहोत बड़ी जगह की जरुरत पड़ती है |

8) Future estension (भविष्य विस्तार):-

प्लांट को उस जगह पर बनाया जाये जहा पर अगर भविष्य में प्लांट को बढ़ाना हो तो उसके लिए दिक्कत ना आ सके |

9) Pollution (प्रदुषण) :-

पॉवर प्लांट का निर्माण बस्ती से दूर होना चाहिए क्यू की प्लांट की वजह से धुआ, राख, आवाज और गर्मी भी निकलती है उसकी वजह से आजू बाजु के बस्ती को परेशानी हो सकती है |

Advantages of thermal power plant (थर्मल पॉवर प्लांट के फायदे ):-

  1. इसके इंधन का खर्चा कम है |
  2. अगर लोड में बदलाव आता है तो बोहोत जल्दी respond करते है |
  3. Hydropower plant की तुलना में कम जगह की जरुरत पड़ती है |
  4. इसमे उत्पन्न होने वाले भाप की थोड़ी मात्रा को दूसरी जगह भी इस्तेमाल किया जा सकता है
  5. यह plant 20% तक का overload ले सकता है |
  6. Electric power generation का मूल्य कम है diesel power plant के मुकाबले इसका initial cost कम है |
  7. इसको जहा पर लोड है उस जगह बनाया जा सकता है उसकी वजह से transmission line का खर्चा कम हो जाता है |
  8. Thermal power plant के उर्जा उत्पन्न करना आसान है |

Disadvantages of thermal power plant (थर्मल पॉवर प्लांट के नुकसान ) :-

  1. इसका ऑपरेशन और रखरखाव का खर्चा ज्यादा है |
  2. प्लांट को चालू करने से पहले बोहोत वक्त की जरुरत होती है |
  3. बोहोत ज्यादा पानी की जरुरत होती है |
  4. Coal और ash को संभालना दिक्कत भरा काम है |
  5. Part load efficicnecy कम है |
  6. इसके प्रदुषण की वजह से कामगारों की सेहत पर असर पड़ता है |

Largest power plant in india (भारत के सबसे बड़े थर्मल पॉवर प्लांट) :-

Vidyachal thermal power station (Madhy pradesh ):-

Location ( जगह) :- मध्य प्रदेश जिला Shinguli (शिंग्रुलि)
Capacity  (क्षमता) :- 4760 MW

Mundra thermal power station (Gujarat):-

Location ( जगह):-  गुजरात जिला kutch (कुँच)
Capacity  (क्षमता):- 4620 MW

Mundra ultra mega power plant (Gujarat):-

Location ( जगह):-  गुजरात जिला kutch (कुँच)
Capacity  (क्षमता):- 4000 MW

Sasan ultra mega power station (Madhya Pradesh):-

Location ( जगह) :- मध्य प्रदेश जिला Shinguli (शिंग्रुलि) ससन village
Capacity  (क्षमता) :- 3960 MW

Tiroda thermal power plant (Maharashtra) :-

Location ( जगह):- महाराष्ट्रा
Capacity (क्षमता):- 3300 MW

Talcher super thermal power station (Odisha):-

Location ( जगह):- ओडिशा  जिला angul (अंगुल)
Capacity (क्षमता):- 3000 MW

Rihand thermal power station (Uttar Pradesh ):-

Location ( जगह):- उत्तर प्रदेश जिला Sonebhadra (सोनेभाद्र)
Capacity (क्षमता):- 3000 MW

Sipat thermal power plant (Chhattishgarh):-

Location ( जगह):- छात्तिश्गढ़  जिला बिलासपुर
Capacity (क्षमता):- 2980 MW

Chandrapur super thermal power station (Chandrapur):-

Location ( जगह):- चंद्रपुर
Capacity (क्षमता):- 2920 MW

NTPC Dadri ( Uttar Pradesh ):-

Location ( जगह):- उत्तर प्रदेश जिला Sonebhadra (सोनेभाद्र)
Capacity (क्षमता):- 2637 MW

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तो दोस्तों Thermal power plant in hindi ये आर्टिकल आपको कैसा लगा इसमे हमें थर्मल पॉवर प्लांट के बारेमे बोहोत सारी जानकरी ली, आपको यह पोस्ट कैसी लगी ये कमेंट बॉक्स में जरुर लिखना
 धन्यवाद
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नमस्ते दोस्तों Electrical dose इस ब्लॉग्गिंग वेबसाइट में आपका स्वागत है | इस वेबसाइट में हम आपको इलेक्ट्रिकल, इलेक्ट्रॉनिक्स के बारेमे बोहोत सारी अछि महत्वपूर्ण,और उपयोगी जानकारी जानकारी देते है. मैंने इलेक्ट्रिकल अभियांत्रिकी याने electrical engineering में diploma और Bachelor of engineering की है मुझे इलेक्ट्रिकल के बारेमे थोड़ी बोहोत जानकारी है, इसी लिए मैंने यह तय कर लिया की इस क्षेत्र में ब्लॉग बनाऊ और थोड़ी बोहोत जानकारी आपतक पहुचाऊ |

3 COMMENTS

  1. Bahut achcha content hai
    Thank you so much
    Ise kehte hain
    गागर में सागर भरना

    कम शब्दों में पूरी बात को सही ढंग से आपने समझाया है
    Thanks again

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