किसी भी तरह का अगर माप लीनो को या फिर रीडिंग लेनी हो उसके लिए measurement device याने मापने वाले यंत्रो की जरुरत पड़ती है | लेकिन जब reading ली जाती है तब कई प्रकार की त्रुटियां आती है
आज हम Errors in measurement in Hindi इस आर्टिकल में माप में होने वाले त्रुटियों के बारेमे जानने वाले है, त्रुटियां क्यू होती है और इसके कितने प्रकार है और इन्हे किस तरह से कम किया जा सकता है |
माप में होने वाली त्रुटियां (Errors in measurement in Hindi) :-
किसी भी तरह का माप चाहे वो analog meter हो या digital meter याने multimeter से हो उसकी रीडिंग लेते समय सबसे बड़ी दिक्कत ये आती है की रीडिंग लेते समय उसमे त्रुटिया आती है |
यहाँ पर error याने त्रुटि का मतलब ये होता है की measurement के समय परिक्षण की हुई रीडिंग और जो सही मतलब true value है में गणितीय अंतर होता है |
Errors in measurement in Hindi |
error को या तो absolute या फिर percentage में व्यक्त किया जाता है |
जिसका माप लिया जा रहा है उसके जो expected value और true value के अंतर को absolute error कहा जाता है |
इसलिए % error = ((Yn – Xn ) / Yn ) X 100
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मापना क्यू जरुरी है ? (Why measurement is important) :-
- माप लेने से हमें पता चलता है की उसकी value कितनी है |
- किसी चीज का अगर हम माप याने measurement लेते है तो इससे हमें यह पता चलता है की किसी चीज को बेहतर कैसे बनाया जाये |
- किसी चीज की शुद्धता को और अछा बनाया जा सकता है |
त्रुटियां क्यू उत्पन्न होती है ? ( Sources of error ) :-
- ख़राब बनावट याने poor design
- Process paramater का और design condition का कम ज्ञान |
- Process parameter में बदलाव, अनियमितता, उतार चढाव की वजह से error.
- ख़राब देखभाल याने poor maintenance.
- मशीन को चलाने वाले व्यक्ति की वजह से त्रुटि |
- कुछ बनावट में सीमा के कारन त्रुटि |
त्रुटियों के प्रकार ( Types of error in hindi ) :-
- Gross errors ( सकल त्रुटि )
- Systematic errors ( सिस्टेमेटिक एरर )
- Schematic errors (स्कीमैटिक एरर )
- Random errors ( यादृच्छिक त्रुटियां )
1) Gross errors ( सकल त्रुटि ) :-
- यह error ज्यादातर human error याने की इंसान की वजह से हीनी वाली त्रुटिया होती है | जब reading ली जाती है या फिर instrument हो इस्तेमाल किया जाता है तब या गलत setting और ajdustment, यंत्र का अछे से इस्तेमाल न करना |
- इन त्रुटियों को personal error याने व्यक्तिगत त्रुटि भी कहा जाता है |
- इन त्रुटियों को गणितीय रूप से सुधारा नहीं जा सकता है |
- जब तक कोई व्यक्ति measurment ले रहा है तब तक इन त्रुटियों को पूरी तरह से निकालना असंभव है, जब तक इन्सान है तब तक इन त्रुटियों को कभी भी पूरी तरह से कम नहीं किया जा सकता है |
- अगर अछे से reading को ली जाये और उसे record भी किया जाये तो इन error को थोडा कम किया जा सकता है |
- इन error को कम करने के तरीका है की सिर्फ एक error पर निर्भर ना रहे, अलग अलग व्यक्ति अलग अलग reading ले ताकि error कम हो सके |
- जब instrument बंद या चालू हो रहा है उसी वक्त reading लेना अच्छा होता है ताकि त्रुटियाकम हो |
2) Systematic errors (सिस्टेमेटिक एरर ) :-
- इन त्रुटियों को fixed error भी कहा जाता है |
- यह error ज्यादातर instrument याने यंत्र की वजह से उत्पन्न होते है और दुसरे भी कारन जैसे की आजूबाजू का वातावरण, या फिर ख़राब पुर्जा, या साधनों की कमी, और इस्तेमाल करने वाले की गलत setting, या measurement ला तरीका सही न होने की वजह से ये त्रुटिया होती है |
- इस Systematic error के तिन प्रकार है |
- Instrumental errors ( यंत्र में त्रुटि )
- Environmental errors ( पर्यावरण की वजह से त्रुटि )
- Observation errors ( अवलोकन त्रुटि )
A) Instrumental errors ( यंत्र में त्रुटि ) :-
- यह errors पहले से ही instrument में मौजूद होते है | इसके कुछ कारन है जैसे की गलत setting, instrument बनाते समय उसमे गड़बड़ी, यांत्रिक संरचना में खराबी इसके कारन instrumental error होते है |
- Instrumental error के तिन प्रकार है |
a) Due to structure shrotcoming in the instrument (उपकरण में संरचना के कमी के कारन ):- यह error उपकरण के मैकेनिकल बनावट की वजह से होते है | याने की bearing में friction, gear का backalash, hysterisis इत्यादी की वजह से |
b) Due to mishandaling and imrpoper use of instrument (उपकरण को अछे से ना इस्तेमाल करने की वजह से )
c) Due to loading effect on the instrument (उपकरण पर लोडिंग के कारन )
- Instrumental errors कम करने के तरीके :-
B) Environmental errors ( पर्यावरण की वजह से त्रुटि ) :-
- वतावरनीय स्थिति और आजू बाजु का मौहोल measuring instrument पर असर डालता है | जैसे की Humidity (नमी), atmospheric pressure (बाहरी दबाव ), tempreture(तापमान ), Elctrostratic field (इलेक्ट्रोस्टैटिक क्षेत्र), इन सबकी वजह से Environmetal error होते है |
- Environmetal error कम करने के तरीके :-
a) यह त्रुटि कम करने के लिए आजू बाजु के तापमान को एक जैसा सखे इसके लिए Air conditioner, या तापमान को नियंत्रित करने के लिए इस्तेमाल होने वाले यंत्रो का इस्तेमाल करे |
b) नमी के प्रभाव को कम करे |
c) उपकरण को आछे से परिसरन याने आछे से पैक करे ताकि बाहरी चीजो का असर अन्दर माँ हो पाए |
C) Observation errors ( अवलोकन त्रुटि ) :-
- यह त्रुटि जो व्यक्ति परिक्षण कर रहा है उसकी वजह से होते है | यह error parallax error की वजह से होते है और scale को अछे से चयन ना करने की वजह से |
- अगर इन त्रुटि को कम कारन हो तो उसके लिए digital meter का इस्तेमाल करना चाहिए |
3) Schematic errors (स्कीमैटिक एरर ):-
- Schematic error के और दो प्रकार है, एक है static error और दूसरा dynamic error.
- Ststicerror instrument के कुछ limitations की वजह से होते है |
- और dynamic error धीमी गतिसे प्रतिक्रिया की वजह से होते है |
4) Random error ( यादृच्छिक त्रुटियां ) :-
- यह त्रुटि अज्ञात कारनो से होते है, अगर gross error और systematic error को कम कर्दिता जाये तो भी random error उत्पन्न होते है |
- यह त्रुटि बोहोत छोटी होती है और यह error संभाव्यता के नियम के अनुसार होते है |
- यां त्रुटि हम गणितीय पद्धति से सुधार सकते है |
- अगर measurement को बार बार लिया जाते तो भी ये error उत्पन्न होते है |
माप में होने वाली त्रुटियां कैसे कम करे (How to minimise measurement error ) :-
- माप के समीकरण बराबर है की नहीं ये दो से तिन बार जाँच ले |
- मापने वाले उपकरण को दो बार जाँच ले |
- यह सुनिश्चित करें की जो क्यक्ति observe कर रहा है और जो reading ले रहा है वो अछे से प्रशिक्षित हो |
- यह भी सुनिश्चित करें की मापने वाला उपकरण बोहोत ज्यादा अच्छे से बना हो |
- सभी मापों को एक नियंत्रित स्थिति में ही ले |
- एक ही माप को ज्यादा बार ले |