Relay in hindi | relay क्या है और प्रकार कितने है

Relay in hindi, relay working in hindi ये सब हम इस आर्टिकल में जानेगे, पावर सिस्टम में जनरेटर, ट्रांसफार्मर, ट्रांसमिशन और डिस्ट्रीब्यूशन सर्किट होते है इसलिए ये तय है की इसमें किसी ना किसी प्रकार के fault आ सकते है|

 relay उन faults को रोकने का काम करता है | इसलिए Relay in hindi इस आर्टिकल में रिले के बारेमे जानकारी लेंगे साथी साथ रिले कितने प्रकार के होते types of relay in hindi भी देखेंगे

जब किसी प्रकार का फाल्ट उत्पन्न होता है तो उस fault का जल्द से जल्द पता लगाना बोहोत जरुरी होता है और पता लगाने के बाद उस fault को सिस्टम से अलग करना भी जरुरी  होता है |

फाल्ट को ढूडने का काम fuse या फिर रिले की मदद से होता है और उसमे circuit breaker की भी मदद ली जाती है | fuse इस्तेमाल करके automaticaly fault को रोक सकते है लेकिन जैसे की एक आर्टिकल में देखा है की फ्यूज  कुछ नुकसन है |

Relay in Hindi (रिले क्या होता है ?):-

Relay definition:-  A relay is a device that detects faults and initiates the operation of the circuit breaker to isolates defective parts from the rest of the system.

Relay definition in Hindi:- रिले एक ऐसा यंत्र है जो दोष या फाल्ट का पता लगाता है सर्किट ब्रेकर को सुरु करता है ताकि ख़राब या फिर दोष वाले हिस्से को सिस्टम से अलग करे |

Relay इलेक्ट्रिकल सर्किट में होने वाले असामान्य गतिविधि का पता लगता है यह पता लगाने के लिए वह लगातार इलेक्ट्रिकल मात्रा को electrical measuring instruments की मदद से मापता रहता है | जो मात्रा ये साधारण स्थिति में अलग होती है और जब कोई fault याने दोष उत्पन्न होता है तब अलग होती है |

जब fault होता है तब इलेक्ट्रिकल मात्रा (quantities) जैसे की current, frequency, voltage और phase angle इनमे बदलाव आता है | इनमे से किसी में भी बदलाव आता है तो रिले उसे भाप लेता है इसमें कोनसा relay लगा हुआ है और कहा पर लगा है ही भी महत्त्व पूर्ण होता है |

जब रिले fault का पता लगता है उसके बाद रिले operate होता है ताकि breaker के circuit को trip कर सके इसकी से circuit breaker open हो जाता है और circuit breaker faluty भाग को अलग कर देता है |

Relay working in hindi (रिले कैसे काम करता है ?):-

रिले किस तरह काम करता है ये जानने के लिए  निचे दिखाए चित्र को देखना होगा, इस चित्र में साधारण तरीके से कनेक्शंस को दिखाया गया है ताकि अच्छे से समझ आये | रिले के circuit तीन हिसो में विभाजित है | जो की आगे दिखाए गए है |

baisc relay diagram Relay in hindi
Relay in hindi | relay क्या है और प्रकार कितने है

1) पहले हिस्से में current transformer (C.T) की primary winding आती है और वह जिस circuit को प्रोटेक्ट करना है उसके series में लगी होती है |

2) दूसरे  हिस्से में current transformer की secondary winding और relay operating coil आती है |

3) और आखरी तीसरे हिस्से में tripping circuit होता है, यह या तो AC या फिर DC होता है | इसमें supply, trip coil, और रिले के statinory contacts होते है |

जब transmission line में किसी प्रकार का fault या फिर short circuit उत्पन्न होता है जो की चित्र में F दर्शाया गया है गया है,जब fault होता है तब  current की मात्रा बोहोत ज्यादा बढ़ जाती है | इसकी वजह से relay coil में से बोहोत ज्यादा करंट गुजरता है |

इस ज्यादा करंट की वजह से रिले के contacts close हो जाते है | और इसकी वजह से circuit breaker के trip coil close हो जाती है | और इसकी वजह से circuit breaker open हो जाता है और यह faulty पार्ट को बाकि के system से अलग कर देता है |

इसतरह से काम करके रिले circuit equipment को नुकसान होने से बचाता है |

Fundamental requirement of relay in Hindi ( रिले कैसा होना चाहिए ) :-

रिले अपना काम अच्छे से करे इसके लिए कुछ बाते होना बोहोत जरुरी होता है जो की निचे दी गयी है |
1) Selectivity ( चयनात्मकता )
2) Sensitivity (संवेदनशीलता)
3) Speed (गति)
4) Simplicity (सरलता)
5) Reliability (विश्वसनीयता)
6) Economy (खर्च )
 

1) Selectivity ( चयनात्मकता ):-

इसका मतलब है की रिले की यह क्षमता होनी चाहिए की वो उसी हिस्से को अलग  disconnect कर सके जिसमे fault हुआ है, और उसकी वजह से दूसरे अच्छे हिस्से पर फरक पड़ रहा है |

अच्छे से डिज़ाइन किया हुआ रिले कुशल और चयनात्मक हो ताकि वोह किसी भी अच्छे पार्ट को सिस्टम से  करे
जिस हिस्से फाल्ट हुआ है उसे दूसरे पार्ट से अलग  करने के लिए ये बोहोत जरुरी है ही सिस्टम के हिस्से को छोटे छोटे हिस्सों में अलग किया जाये |

2) Sensitivity (संवेदनशीलता) :-

यह relay की क्षमता होती है की वह बोहोत काम मात्रा में भी अगर फरक आये तो उसे sense कर करे और अपना आगे का काम कर सके जितना काम volt-ampere रहेगा उतना ही सवेदनशील रिले होगा इसका मतलब 1 VA  रिले 3 VA से अधिक sensitive होगा |

3) Speed (गति ) :-

रिले को जितना जल्दी सके उतना जल्दी faulty part को अच्छे सिस्टम से अलग करना चाहिए | इसकी वजह ये है की अगर थोड़ी भी देरी हो जाये तो उस वक्त में इलेक्ट्रिकल का सामान ख़राब हो सकता है |

अगर जल्दी से फाल्ट को रोक न दिया जाये तो उसकी वजह से जो consumer है उनके इलेक्ट्रिकल सामान बंद हो जायेंगे |

4) Simplicity (सरलता) :-

रिले का पूरा सिस्टम अगर simple और सरल होगा तो उसे maintain कारन उतनाही आसान होगा | निचे दिया reliability और simplycity दोनों एक जैसे ही है | जितना simple होगा ही reliable होगा |

5) Reliability (विश्वसनीयता):-

इसका मतलब यह है की रिले को जिस तरह से जिस condition के लिए बनाया गया वो उसी condition पर ऑपरेट हो जाये

6) Economy (खर्च ) :-

खर्च एक बोहोत बड़ा फैक्टर है किसी भी realy का चुनाव करते समय, rule के हिसाब से देखा जाये तो पुरे लगत के 5% से आधी मूल्य protective gear पर ना लगे |

Types of relay in hindi (रिले कितने प्रकार होते है ?):-

रिले के बोहोत सारे प्रकार है उसे कहा पर इस्तेमाल किया जा रहा है, इसक size कितना है और भी बोहोत सरे तत्व है उनको देखते हुए तय होता है की कोनसा रिले कहा पर इस्तेमाल किया जाये | निचे रिले के प्रकार दिखाए गए है

Depend on operating principle (कार्यक्षमता के आधार पर ) :-

1) Electomagnetic attraction relay  (विद्युतचुंबकीय आकर्षण रिले )

    i) Attracted armature type relay
    ⅱ) Solenoid type relay
    ⅲ) Balance beam relay
solenoid valve relay image
Relay in hindi | relay क्या है और प्रकार कितने है ?

2) Electromagnetic induction relay (विद्युतचुंबकीय इंडक्शन रिले )

 i) Shaded pole structure
ⅱ) Watthour-meter or double structure
ⅲ) Induction cup structure

Depends on number of poles (पोल्स के संख्या के आधार पर ) :-

1) Single pole single throw normally open
2) Single pole single throw normally close
3) Single pole double throw
4) Double pole single throw
5) Double pole double throw

Depends on operating voltage (वोल्टेज के आधार पर ):-

5 volt DC, 12 volt DC, 24 volt DC, 110 volt DC, 220 volt DC

Other relays (ऊपर दिए गए रिले से दूसरे रिले )

ऊपर दिए गए रिले को छोड़ कर और भी बोहोत सरे रिले है जिनके नाम निचे  दिए गए है |
1) Magnetic latching relay
3) Thermal relay
4) Induction relay
5) Solid-state relay
6) Polarised relay
7) Phototransistor relay
8) Overload protection relay
9) Reed relay
10) Contactor
11) Coaxial relay
12) Safety relay
13) Time delay relay
14) Vacuum relay
15) Static relay
यह भी पढ़े:-
 

तो दोस्तों आज हमने Relay in hindi आर्टिकल में relay के बारेमे जाना और साथी साथ उसका इस्तेमाल और उसके प्रकार, relay working in Hindi इन बातो को देखा

इस आर्टिकल को पढ़ने के लिए धन्यवाद आशा है की आपको पोस्ट पसंद आयी होगी आपको कुछ नया सीखने को मिला होगा, अगर पोस्ट पसंद आया तो कमेंट करके जरूर बताना और कुछ सुझाव हो तो भी कमेंट बॉक्स जरूर लिखना

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