Synchronous motor in Hindi इस आर्टिकल में हम जानने वाले है की सिंक्रोनस मोटर क्या है ?, आज अगर देखा जाये तो बोहोत सारी जगह पर इलेक्ट्रिकल मोटर का इस्तेमाल किया जाता है ताकि काम को आसान किया जा सके |
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Synchronous motor in Hindi |
इस आर्टिकल में सिंक्रोनस मोटर क्या है ये जानेंगे साथी साथ working principle of synchronous motor , और यह मोटर slef starting क्यू नहीं होता है ? यह मोटर किस तरह से करता है और इस मोटर के कोनसे फायदे और नुकसान है , इनका इस्तेमाल कहा पर किया जाता है इन सभी प्रश्नो का उत्तर आज हम इस आर्टिकल में देखने वाले है |
Synchronous motor क्या है ? (What is Synchronous motor in Hindi ?) :-
Synchronous motor की बनावट और अल्टरनेटर की बनावट लगभग एक समान ही होती है और इस मोटर को synchronous generator याने की (alternator) की तरह भी इस्तेमाल किआ जा सकता है | जब electrical energy को मोटर में दिया जाता है तो वह एनर्जी को rotation में याने की mechanical energy में रूपांतरित करती है |
Synchronous motor के दो प्रकार है, सिंगल फेज सिंक्रोनस मोटर और थ्री फेज सिंक्रोनस मोटर | यह मोटर constant speed पर घूमती है याने Ns= (120 f) / P की गति पर घूमती है |
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Synchronous motor in Hindi |
यह मोटर doubly excited मोटर है याने की एसके अंदर दो सप्लाई दी जाती है |
यह मोटर self starting नहीं होती है इसलिए इन्हे सुरु करने के लिए कुछ तरीको का इस्तेमाल करना पड़ता है | वो कोनसे तरीके है हम आगे देखने वाले है |
Synchronous motor वर्किंग प्रिंसिपल (Synchronous motor working pinciple in hindi ) :-
हम 3 phase motor के वर्किंग प्रिंसिपल के बारेमें जानने वाले है। stator में 3 फेस AC supply को दिया जाता है। Stator में 3 phase या तो star या फिर delta winding होती है।
जब stator winding को 3 phase का supply दिया जाता है तब rotating magnetic field उत्पन्न हो जाता है। यह मैगनेटिक फील्ड 120f/p r.p.m याने कि synchronous speed पर घूमती है।
यहां पर हम यह बोल सकते है कि stator magnet synchronous speed पर घूम रहा है।
अगर rotor magnet को हम stator के magnetic field में ले जाए तो उनमें मैगनेटिक लॉकिंग हो जाती है तब रोटर भी उसी दिशा में घूमेगा जिस दिशा में stator की magnetic field घूम रही है।
इस प्रक्रिया का चित्र नीचे हम देख सकते है लेकिन इस चित्र में हमें एक बात ध्यान रखनी होगी कि stator में किसी तरह का pyasical poles नहीं होते है लेकिन चित्र में हमें समजहने के लिए N और S poles को दिखाया गया है।
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Synchronous motor in Hindi |
जैसे कि ऊपर हमने देखा कि रोटर भी उसी दिशा में घूमता है जिस दिशा में stator magnetic field घूमती है और यह synchronous speed याने 120f/p पर घूमती है।
Rotor में एक electormagnet होता है और उसमें field winding होती है। और इस field winding में DC supply दिया जाता है।
Rotor याने electromagnet shaft पर लगा होता है। दो slip rings और दो brushes की मदद से रोटर को डीसी supply दिया जाता है।
इसके स्टेटर में 3 फेस AC सप्लाइ और रोटर में DC सप्लाई दी जाती है इसी लिए इसे doubly excited motor भी कहा जाता है।
Synchronous motor की बनावट (Construction of synchronous motor ):-
इसकी बनावट Salient pole alternator की तरह ही होती है। इसमें stator और rotor part होते है।
Stator (स्टेटर) क्या होता है ?:-
Stator core में अन्दर वाले स्लॉट में रेगुलर 3 phase winding को लगाया जाता है। यह widing या तो star या delta हो सकती है।
इन windings को semi-enclosed slots में रखा जाता है इनमें हवा जाने के लिए holes भी बने होते है। यह stampings CRGO steel से बने होते है।
Rotor(रोटर) क्या होता है ?:-
Synchronous motor सेल्फ स्टार्टिंग क्यू नहीं होती है ? (Why synchronous motor is not self-starting?) :-
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Synchronous motor in Hindi |
Synchronous motor शुरू करने के तरीके (Methods of starting synchronous motor ):
1) Use of damper winding (डैम्पर वाइंडिंग का इस्तेमाल करना ) :-
रोटर के shoe पार्ट में Cu bars को लगाया जाता है । और यह cu bars दोनों छोरो पर end rings की मदद से short याने जोड़े जाते है ।
यहाँ पर रोटर synchronous speed से कम speed पर घूमेगी याने की स्टेटर मूविंग फील्ड के बराबर | और उसके बाद अपने आप ही मैग्नेटिक लॉकिंग हो जाती है और अब मोटर synchronous motor की तरह चलने लगेगी
2) Use of small induction motor (छोटे इंडक्शन मोटर इस्तेमाल ):-
3) Use of pony-motor (पोनी मीटर का इस्तेमाल ):-
4) Starting as slip-ring induction motor (स्लिप रिंग इंडक्शन मोटर की तरह शुरू करना):-
synchronous motor को इस तरह बनाया जाता है जिस तरह स्लिप रिंग मोटर शुरू होती है। उसके लिए रोटर winding में कुछ बदलाव करने पड़ते है । एक चेंज ऑवर स्विच की मदद से 3 फज सप्लाई की रोटर में दिया जाता है |
अब मोडर induction motor की तरह सुरु होगी जब मीटर का स्पीड synchronous speed जितना हो जायेगा तब DC सप्लाई को कनेक्ट किया जाता है और अब यह syachronous motor की तरह चलेगी।
इसका इस्तेमाल नहीं किया जाता है क्यू की फील वाइंडिंग करने से बोहोत कठिनाई आती है। बम्पर बाइंडिंग तरीके का इस्तेमाल किया जाता है |
Synchronous motor में कोनसे लॉसेस होते है (Losses of the Synchronous motor in Hindi):
1) Stator copper losses (स्टेटर कॉपर लॉसेस ) :-
2) Iron losses (आयरन लॉसेस):-
3) Friction or windage losses (घर्षण और हवा से लॉसेस):-
4) Excitation losses (एक्ससिटेशन लॉसेस):-
Synchronous motor के फायदे (Advantages of the synchronous motor ):-
Synchronous motor के नुकसा (Disadvantages of the synchronous motor ):-
Synchronous motor के उपयोग (Applications of the synchronous motor ):-
तो दोस्तों मुझे आशा है की सिंक्रोनस मोटर क्या है (Synchronous motor in Hindi) इसके बारेमे जानकारी दी आपको समझ आया synchronous motor क्या है और यह मोटर किस तरह से काम कराती है |
अगर आपको कुछ सवाल है य फिर इस आर्टिकल के कुछ सुधार करने की आवश्यकता है तो फिर आप कमेंट बॉक्स में जरूर बताना ताकि इसमें सुधार किया जाये और हमें कुछ सीखने का मौका मिले |
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