Wind Energy and wind turbine In Hindi | पवन ऊर्जा पूरी जानकारी

आज इस आर्टिकल में हम wind energy और wind turbine क्या है याने पवन ऊर्जा के बारे में पूरी जानकारी लेते है |

Wind energy क्या है,advantages and disadvantages of wind energy,और  classification of wind mills और site selection for wind mills ऐसी बोहोत सारी चीजो के बारेमे हम जनानेगे |

आज हम देखे तो ऊर्जा की मांग बोहोत बढ़ चुकी है हर क्षेत्र में electrical energy की जरुरत पड़ती है इसी लिए अलग अलग तरीको से ऊर्जा हासिल करने की जरुरत है जैसे की Thermal power plant,Hydropower plant,nuclear power plant,diesel and gas turbine ower plant, Solar power plant और wind energy.
Wind Energy and wind turbine In Hindi
Wind Energy and wind turbine In Hindi

Table of Contents

What is Wind Energy in Hindi? पवन ऊर्जा क्या है ?:-

हवा की मदत से उत्पन्न की गयी ऊर्जा को पवन ऊर्जा (wind energy) कहा जाता है | हवा का इस्तेमाल करके mechanical energy को तैयार किया जाता है उसके बाद wind turbine की मदत से हवा में जो काइनेटिक एनर्जी होती है उसे मैकेनिकल energy में convert करने के लिए wind turbine, wind mills का इस्तेमाल किया जाता है यह wind mills electrical generators से जुडी होती है और वाही से हमें electrical energy प्राप्त होती है | बिजली उत्पन्न होने के बाद subatation की मदद से उसे आगे भेजा जाता है ताकि उपभिकता तक पहुच सके |

Principle of wind power (Momentum theory)  पवन ऊर्जा कार्य सिद्धांत:-

पवन ऊर्जा मतलब आनेवाली काइनेटिक एनर्जी इसे हम निचे प्रकार से समाज सकते है |

Classification of  Wind Mills (पवन चक्की वर्गीकरण):-

1) based on the orientation of the axis of rotor (एक्सिस रोटर की बनावट )

a)Horizontal axis (क्षैतिज अक्ष)
b)Vertical axis (वर्टिकल अक्ष)

2)Based on type of rotor (रोटर की बनावट के आधार पर ):-

a)Propeller  type
b)Multiple blade  type
c)Savonius  type
d)Darrieus type

1) Based on the orientation of the axis of rotor (एक्सिस रोटर की बनावट )

a)Horizontal axis windmills  (क्षैतिज अक्ष):-

  • Horizontal axis windmills या तो propeller type या फिर multiple  blade  type रोटर होते है |आमतौर पर propeller type wind mill का इस्तेमाल किया जाता है और उसम दो या फिर तिन पाते याने blades का इस्तेमाल होता है |अगर दो blade वाला design इस्तेमाल करे तो हव cost effective याने उसमे लागत कम लगती है लेकिन उसमे एक समस्या होती है की उसमे कंपन पैदा होता है blade घुमने के समय उसे से yaw control कहा जाता है |हालाँकि इसी blade design का इस्तेमाल जकल किया जाता है 2MW से 3MW  ऊर्जा उत्पन्नकरने के लिए इस्तेमाल किया जाता है क्यू की आसानी से  मटेरियल उपलब्ध होता है और control करने के लिए भी आसन होता है |
Wind Energy and wind turbine In Hindi | पवन उर्जा पूरी जानकारी
Wind energy and wind turbine
  • अगर रोटर बैलेंस है तो फिर तिन blade  design का इस्तेमाल किया जाता है |तिन blade design का इस्तेमालकम कैपेसिटी generation में इस्तेमाल किया जाता है जैसे की 15kW से 3MW तक इस्तेमाल किया जाता है |
  • Propeller type wind turbine areofoil section तकनीक  से बने होते है और यह mills tower के ऊपर लगाया जाता है | propeller type wind turbine के घुमने की गति 300rpm से 400rpm तक होती है और अगर multiple type wind mill है तब गुमने की गति 60rpm से 80rpm होती है |
Wind Energy and wind turbine In Hindi | पवन उर्जा पूरी जानकारी
wind energy and wind turbine
  • इस तरह की blade को बनाने के लिए glass fibre reinforced plastic का इस्तेमाल किया जाता है |और multiblade rotor में बोहोत सारे धुमावदार धातु के blades इस्तेमाल किया जाता है |इसमे  12 से लेकर 20 तक blades का इस्तेमाल होता है और उसका अन्दर वाला और बहार वाला छोर fixed होता है गोलाकार किनारे पर | rotor का diamter याने व्यास 2 m से 5 m के अन्दर होता है |

b)Verticalaxis windmills (वर्टिकल अक्ष):-

  • Verticle axis wind mill में या तो savonics type या फिर darrieus type wind mill का इस्तेमाल किया जाता है |
  •  savonics रोटर निर्माण करने के लिए खोखले अण्डाकार सिलेंडर को दो हिस्सों में कटा  जाता है और इन्हे varticle axis में fixed गैप रखकर लगाया जाता है |यह रोटर लगाने का बाद कुछ S shape में दिखता है इस लिए इसे S-rotor भी बोला जाता है |
Wind Energy and wind turbine In Hindi | पवन उर्जा पूरी जानकारी
Wind energy and wind turbine
  • darrieus type rotor में दो या तिन convex (उत्तल) blades होते है यह blades वेर्तिक्ले shafts पे लगे होते है |यह blades curve आकर में बने होते है |
  • verticle axis wind mill का यह फायदा है की हवा की दिशा कोंसे भी हो इसपे कोई फरक नहीं पड़ेगा कोनसी भी दिशा से हवा आये यह wind mill अपना power generation का कम करते रहते है|इसकी cut-in गति 8 kmph होती है लेकिन अछे से कम करने के लिए इसे 16 kmph से धुमने की आवश्कता होती है |और एक इसका फायदा है की इसके लिए ऊँचा ढाचे की जरुरत नहीं होती बस verticlewind mill को लगाने के लिए एक ऐसी जगह की जरुरत होती है जहा वहा अच्छे से चलती हो |

Horizontal Axis Wind Turbine (HAWT) Generator (क्षैतिज अक्ष पवन टर्बाइन जनरेटर):-

  • दुनिया में सभी जगह पर Horizontal Axis Wind Turbine Generator का इस्तेमाल किया जाता है | इसमे आमतौर पर दो या फिर तिन blades का इस्तेमाल किया जाता है और यह blades लकड़ी या फिर high density glass fibre reinforced plastic (F.R.P)से बने होते है |
  • इसका diameter याने की व्यास 2m से लेकर 25m तक होता है और जो अभी modern rotor होते है उनका व्यास 100m तक होता है | turbine का shaft bearing के ऊपर बैठा होता है | यह पूरा ढाचा tower के ऊपर लगाया जाता है इसे इस तरह बनाया जाता है की वह हवा की जोर को संभल सके |
  • निचे दिखाए चित्र में horizontal axis wind turbine generator के सभी पार्ट्स को दिखाया गया है |
Wind Energy and wind turbine In Hindi | पवन उर्जा पूरी जानकारी
Wind energy and wind turbine
  • अगर रोटर का speed सीमा से बहार जाने लगता है तब उन्हें रोकने के लिए या फिर उनकी गति कम करने के लिए electromagnetic brakes का इस्तेमाल किया जाता है | hub,brakes,gearbox,और जो electrical controls होते है उन्हें एक बॉक्स में रखा जाता है उसे nacelle कहा जाता है |
  • yaw control mechanism को भी लगाया जाता है ताकि blades हवा की तरफ बने रहे| छोटे wind turbine में tail भी लगाया जाता है ताकि ऑटोमेटिकली वह blades को वहा की दिशा के तरफ रखे बड़े wind farm पर wind turbine को control करने के लिए sensor का भी इस्तेमाल क्या जाता है और servo system का इस्तेमाल किया जाता है |
  • इसमे एक generator  भी लगा रहता है वह 3 phase synchronus generator या फिर 3 phase induction generatorहोता है| पवन ऊर्जा को mechanical energy में बदलने के लिए aero-turbine का इस्तेमाल किया जाता है . mechanical power को gearbox में ट्रांसमिट किया जाता है उसके बाद जनरेटर को दिया जाता है ताकि गति बढ़ सके|

Vertical Axis Wind Turbine (VAWT) Generator:-

Wind Energy and wind turbine In Hindi | पवन उर्जा पूरी जानकारी
Wind energy and wind energy
  • निचे दिखाए चित में vertical axis wind turbine Darrieus type को दिखाया गया है इसमे दो blade rotor है |
  • इसमे खोखले सीधा shaft लगा हुआ रहता है और उसके अंत पर bearing लगी हुई रहती है | निचे वाली bearing पुरे ढाचे को संभालने का काम करती है और ऊपर वाली bearning आधार देने का काम करती है क्यू की tower की लम्बाई 100 m तक होती है |
  • दो पतले और वक्र आकार के blade के उपरी और निचे वाले भाग में जुड़े होते है जैसे की चित्र में दिखाया गया है |
  • Turbine shaft  जनरेटर से जुदा हुआ होता है इसी जनरेटर की मदत से mechanical  energy को electrical energy में बदला जाता है |
  • Advantages of vertical axis wind turbine:-

1) इसका यह फायदा है की इसमे yaw controlmechanism की जरुरत नहीं पड़ती क्यू की इसके blades    कोनसी भी तरफ से आने वाली हवा पर घूमते है और
2) इसमे nacelle की भी जरुरतनहीं पड़ती क्यू की gearbox,brakes और generator जमिन पर लगे होते है
3) इसकी वजह से लगत कम हो जाती है , देखरेख का cost भी कम लगता है |
4) और इसका design भी बोहोत आसान होता है |

Also read –

Site Selection for a Wind Power Station or Wind Farm (विंड पॉवर स्टेशन  के लिए जगह का चुनाव ):-

suitable wind farm sites:

1) Plane land sites
2) Sea-shore sites
3) Hill topsites
4) Off-shore shallow water sites

Important criteria for wind farm:-

  1. जहा पर औसत हवा की velocity की range 6 m/s से 30 m/s होनी चाहिए
  2. wind turbines या फिर wind farms शहर से या जंगल से दूर होने चाहिए ताकि हवा अच्छी तरह से बह सके 4 km तक कोई ऊँचा भाग नहीं होना चाहिए
  3. wind farms इस जगह पर बनाने चाहिए जहा जमिन की मजबूती अच्छी हो ताकि जमिन ठीक करने के लिए लगाने वाला खर्चा बच जाये|
  4. wind farm को ऐसे इलाके में बनाना चाहिए जहा लोग nahi रहते हो ताकि wind turbine से होने वाले sound pollution से बचा सके
  5. wind farms को खुली जगह पर समुन्द्र में shores पर याने समुद्र-तट पर बनाना चाहिए क्यू की इस तरह की जगह पर wind velocity ज्यादा होती है |
  6. wind energy plant लगाने से पहले हाय देखना भी बोहोत जरुरी ही की इतिहास में उस जगह पर हवा किस तरह कितनी speed से बहती थी |
  7. जिस जगह पर wind energy plant को बनाने वाले है व्हा पर कुछ ऊँचाई पर हवा कितनी तेजी से बह रही है यह भी मापना जरुरी है इसके लिए anemometer का एस्टल किया जाता है |
  8. अगर आसपास थोड़ी बोहोत पेड़ है तब ढांचे की ऊँचाई बदना जरुरी है |
  9. जहा पर wind farm बन रहा है वहा पर आने जाने के लिए roads की सुविधा होनि  चाहिए |
  10. जिस जगह wind power station बनने वाला है हवा पर हवा की गति 3.5 से 4.5 m/s  से ज्यादा होनी चाहिए
  11. जमिन की कीमत भी कम होनी चाहिए ताकि totalcost कम हो सके और ट्रांसमिशन मूल्य भी कम लगे |
  12. tower का design इस तरह का होना चाहिए की वह ज्यादा से ज्यादा तेज हवा जो पिचले कुछ सालो में वहा मापी गयी हो उतनी तेज या उससे थोड़ी तेज भी हवा चले तो भी tower टिका रहना चाहिए |

Advantages and Disadvantages of wind power(पवन ऊर्जा के लाभ और नुकसान):-

  • wind energy का इस्तेमाल water पम्पस को चलने के लिए batteries को charge करने के लिए और electric power generation के लिए इस्तेमाल किया जाता है

Advantages of  wind power (पवन ऊर्जा के लाभ):-

  1. यह मुफ्त में प्राप्त है |
  2. देखभाल का खर्च कम होता है|
  3. power generation का मूल्य कम होता है लगभग 2.25/kWh
  4. इससे कोई pollution नहीं होता है

Disadvantages of  wind power (पवन ऊर्जा के नुकसान):-

  1. अभी की capital cost ज्यादा है यह लग भग 3.5 crores/MW
  2. यह ध्वनि प्रदुषण करता है अगर बड़ा wind power plant है तब उसकी आवाज कुछ किल्लोमीटर तक पोहुच जाती है |
  3. wind energy कम ज्यादा हो सकती है क्यू की हवा की मात्र कम ज्यादा होती रहती है
  4. अगर तूफान ,चक्रवात,बवंडर आ जाये तब हवा की speed बोहोत ज्यादा हो जाती है और तब वह wind farm हो नुकसान पोहुचा सकती है |
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इस पवन ऊर्जाआर्टिकल में हमने देखा की wind energy क्या है और वह कैसे काम करता है | Classification of  Wind Mills और advantages and disadvanages of wind पॉवर station अगर आपको यह पोस्ट अची लगे तो कमेंट में जरुर बताये अगर कोई सुज्हाव हो तो भी कमेंट में बताये
धन्यवाद |
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नमस्ते दोस्तों Electrical dose इस ब्लॉग्गिंग वेबसाइट में आपका स्वागत है | इस वेबसाइट में हम आपको इलेक्ट्रिकल, इलेक्ट्रॉनिक्स के बारेमे बोहोत सारी अछि महत्वपूर्ण,और उपयोगी जानकारी जानकारी देते है. मैंने इलेक्ट्रिकल अभियांत्रिकी याने electrical engineering में diploma और Bachelor of engineering की है मुझे इलेक्ट्रिकल के बारेमे थोड़ी बोहोत जानकारी है, इसी लिए मैंने यह तय कर लिया की इस क्षेत्र में ब्लॉग बनाऊ और थोड़ी बोहोत जानकारी आपतक पहुचाऊ |

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