आज इस आर्टिकल में हम जानेंगे जी अंडरग्राउंड केबल क्या है what is under ground cable.अंडरग्राउंड केबल की बनावट किस तरह की होती है construction of underground cable,और अंडरग्राउंड केबल के प्रकार कितने है types of underground cable.
जी जगह बोहोत घनी आबादी होती वाहा पर overhead trasnmission लाइन लगाना बोहोत ही मुश्किल होता है | क्यूकी जनता की सुरक्षा और जगह की कमी होती है |इसी लिए एन जगहों पर भूमिगत तारो का इस्तेमाल किया जाता है transmission या distribution के लिए |
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Underground cables |
Construction of underground cable (अंडरग्राउंड केबल का निर्माण):-
1)Conductor(विद्युत कंडक्टर):-
- अंडरग्राउंड केबल ज्यादातर तांबा (copper) या फिर अल्युमीनियम (aluminum) के बने होते है |
- अंडरग्राउंड केबल को लचीला या इस्तेमाल में बेहतर बनाने के लिए इसमे standed cable का इस्तेमाल किया जाता है मतलब बोहोत सारी छोटी तारो का गुच्छा या बंडले बनाया जाता है |
- किस तरह का उपयोग केबल का होने वाला है उसपर निर्भर रहता है की इसमे एक,दो,तिन या फिर चारconductor इस्तेमाल होंगे |
2)insulation :-
- यह केबल जमींन के अन्दर से डाली जाती है इसलिए इसके ऊपर अच्छा सुरक्षा कवच लगाना बोहोत जरुरी होता है |कोंसे प्रकार का insulation केबल के ऊपर लगेगा ये voltage level पर निर्भर करता है |
- Inulation resistance पता करने के लिए megger का इस्तेमाल किया जाता है
- Insulation को निचे दिए गए तत्व के अनुसा बनाया जात है |
- Non inflammable (अज्वलनशील)
- Non porous
- High dielectric strength (बिजली को बहार जाने से रोकने की क्षमता )
- High mechanical strength (उच्च यांत्रिक शक्ति )
- High insulation resistance to avoid leakage current (लीकेज करंट को रोकने की क्षमता)
- Chemically stable (केमिकल का असर ना हो )
- Following are some insulating materials:-
- Impregnated paper
- V.I.R i.e vulcanized india rubber
- Rubber
- Varnished cambric
- P.V.C i.e polyvinyl chloride
3)Metalic sheath (धातु कवच ):-
- केबल को जमिन के अन्दर से डाला जाता है इसलिए जमिन में मिट्टी,moisture(नमी),gases(नमी),और कुछ liquids (तरल पदार्थ)भी मौजिद हो सकते है |
- इन्ही सब तत्वों से cable को बचने के लिए cable के ऊपर धातु का कवच लगाया जाता है ये कवच lead या फिर Aluminum का बना होता है |
4) Bedding (बेडिंग):-
- Metalic sheath (धातु कवच) को corrosion याने जंग लगने से बचने केलिए और केबल को mechanical enjury से बचाने के लिए Bedding (बेडिंग) का इस्तेमाल किया जाता है |
- Bedding fibrous material से बना होता है जैसे की hessian और jute.
5) Armouring (स्टील कवच) :-
- जब cable को जमिन के अन्दर डाला जाता है तब उसे कुछ नुकसान ना हो इसलिए Armouring (स्टील कवच) को लगाया जाता है |
- यार एक या फिर दो लेयर से बना हुवा होता है galvanised steel wire और steel plate
6) Serving :-
- केबल को बाहरी वातावरण से बचाने के लिए सर्विंग का उपयोग होता है|
- यह fibrous material से बना होता है जैसे की jute.
electrical tariff के बारेमे जाने
what is string efficiency
Types of underground cable (अंडरग्राउंड केबल के प्रकार):-
अंडरग्राउंड cable को voltage level से वर्गीकरण और classified किया जाता है और कोनसे प्रकार का insulating material इस्तेमाल किया गया है उसके अधर पर classified किया जाता है |
Classification of cable (voltage range level ) (वोल्टेज लेवल के आधार पर वर्गीकरण):-
- Low tension underground (L.T) cables = upto 1000V
- High tension underground (H.T) cables =upto 11,000V
- Super tension underground (S.T) cables =from 22kV to 33kV
- Extra High tension underground (E.H.T) cables =from 33kV to 66kV
- Extra super voltage underground cables =beyond 132kV
1)Low tension underground cables (up to 1000V):-
इस तरह की cable को 1000 voltage तक इस्तेमाल किया जाता है |6000 वोल्ट तक भी इस्तेमाल किया जाता है अगर इसमे electrostatic stress कम हो तब |इसमे एक circular याने गोलाकार stranded copper या फिर alluminum का कोर होता है और उसपे impregnated paper की लेयर होती है | और इस एन्सुलतिओन को नमी से बचाने के लिए lead sheath से बचाया जाता है |और lead sheath को जंग से बचाने के लिए serving की लेयर को लगाया जाता है और वह compounded fibrous material या फिर hessian टेप से बना होता है| अगर केबल में एक ही कोर रहेगा तब armoring की लेयर को नहीं लगाया जाता
2) High tension underground cables(upto 11,000V):-
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Underground cables |
यह केबल 11,000 वोल्ट तक इस्तेमाल किया जाता है इसमे तिन कोर होते है stranded copper या फिर aluminum conductor की | ये तिन कोर एकदूसरे से impregnated paper से insulate किया जाता है और ये तिन कोर को एक साथ लेकर impregnated paper से लपेटा जाता है |impregnated paper के ऊपर Lead sheath को लगाया जाता है और उसके ऊपर armouring को लगाया जाता है ताकि mechanical enjury से बचाया जा सके | और उसके ऊपर आखरी लेयर याने सर्विंग को लगाया जाता है |
3)Super tension cable (from 22kV to 33kV) :-
11000 voltage level के ऊपर कुछ खास तरह की बनावट करनी पड़ती है | screened cables 33,000 वोल्टस तक इस्तेमाल की जाती है इस केबल में leackage current metalic sheath से गुजर कर जमिन तक जाता है |
screened cables are of two types:-
a)H type screened cables
b)S.L type cable
a)H type screened cables:-
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Underground cables |
इस cable का आविष्कार H.Hochstadter ने किया था इसलिए इस cable को उनका नाम दिया गया |इस cable में तिन कोर होते है और इन कोर impregnated paper से insulated किया जाता है और हर हर कोर के इंसुलेशन को metalic स्क्रीन से लपेटा जाता है और ये aluminum की फॉयल से बना होता है |कोर को इस तरह रखा जाता है ताकि तीनो कोर एक दुसरे से चिपक जाये | इसमे इंसुलेशन बेल्ट nahi होता केलिन lead sheath,bedding,armouring ये लेयर होती है |
metal sheet को इस्तेमाल करने का एक यह भी फायदा है की इसमे से heat बहार फेकने की क्षमता अची होती है |
b)S.L type screened cables:-
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Underground cables |
निचे दिखाई गयी चित्र में s.l type screened cables की बनावट को दिखाया गया है |इस cable की बनावट H type screened cables जौसी ही होती है लेकिन इसमे एक फरक है की इसमे हर कोर को lead sheath हे coverकियाजाता है | इसमे तीन कोर कप तिन अलग अलग केबल की तरह बनाया जाता है |इन तिन cable के ऊपर कोई lead sheath नहीं होती लेकिन बाकि की लेयर रहती है जैसे की armoring और serving.इस cable के कुछ फायदे है जौसे की हर एक कोर को अलग lead sheath होती है इस लिए कोर को damage होने की संभावना कम होती है |और दूसरा फायदा यह है की लचीलापन होता है क्यू की पुरे cable के ऊपर कोई lead sheath नहीं होती |
4) Extra high tension underground cable (from 33kV to 66kV) :-
इन cables को 33kV तक इस्तेमाल किया जाता है और बोहोत कम जगह पर 66kV इस्तेमाल किया जाता है | इन cables को solid cables भी बोला जाता है |66kV के ऊपर की रेटिंग की cables को बनाने के लिए मॉडर्न तकनीक का इस्तेमाल करना पड़ता है लेकिन voids formation को पूरी तरह से कम करना एक असंभव चीज है | voids electrostatic stress से निगडित होता है और इसकी वजह से ionisation होता है और बोहोत बार cable के ब्रेकडाउन का कारन बनता है |
voltage demand की बढाती मांग को दखते हुए extra super voltage power cablesका इस्तेमाल किया जाता है यह cables 132kV और 275kV तक इस्तेमाल की जाती है |
voids को कम करने के लिए cable में pressure का इस्तेमाल किया जाता है इस लिए इन्हे pressure cable भी कहा जाता है | इसमे दो तरह की pressure cable होती है |
a)oil field cable
b)pressure cable
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